नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के बांडों के लिए चालू वित्त वर्ष में 5000 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है। इन बांडों की खरीदारी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा की जाएगी। उपर्युक्त राशि के लिए गारंटी शुल्क को भी वित्त मंत्रालय द्वारा माफ कर दिया गया है।
रेल मंत्रालय ने 11 मार्च, 2015 को एलआईसी के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत एलआईसी को वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2019 तक की चिन्हित रेल परियोजनाओं के लिए 150000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया करानी है। उपर्युक्त एमओयू को ध्यान में रखते हुए आईआरएफसी 30 वर्षों की परिपक्वता अवधि वाले बांड जारी कर एलआईसी से धन राशि जुटाता रहा है और रेल परियोजनाओं के निर्माण के लिए रेल मंत्रालय को धन राशि प्रेषित करता रहा है। हालांकि, आईआरडीए के दिशा-निर्देशों के अनुसार कुल ऋण राशि (एक्सपोजर) सीमा संबंधी बाध्यता के कारण एलआईसी एक निश्चित सीमा से ज्यादा मूल्य के आईआरएफसी बांडों को खरीदने में असमर्थ रही है। एक्सपोजर सीमा संबंधी बाध्यता समाप्त करने के लिए वित्त मंत्रालय ने सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है, ताकि एलआईसी आईआरडीए के दिशा-निर्देशों के अनुसार बगैर किसी सीमा के सरकारी गारंटी वाले बांडों को खरीद सके। एलआईसी की राशि 10 वर्षीय बेंचमार्क यील्ड से 0.30 प्रतिशत ज्यादा ब्याज दर पर रेल मंत्रालय को उपलब्ध है। उपर्युक्त निर्णय से विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने हेतु रेल मंत्रालय के लिए उधारी राशि का प्रवाह और भी अधिक आसान हो जाएगा।