नई दिल्लीः विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाईल ब्रह्मोस ने 22 नवंबर 2017 को उस समय इतिहास रच दिया जब भारतीय वायुसेना के प्रमुख युद्धक विमान सुखोई-30 एमकेआई से उसका पहला उडान परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। लक्ष्य-भेदन बंगाल की खाड़ी में स्थित था। उल्लखनीय है कि ब्रह्मोस विश्वस्तरीय हथियार है और जमीन, समुद्र और हवा में मारक क्षमता रखता है। उसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से निर्मित किया है।
रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस शानदार उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई दी।
डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा विभाग (अनुसंधान एवं विकास) के सचिव डॉ एस क्रिस्टोफर ने ब्रह्मोस के निर्माण में संलग्न वैज्ञानिकों और इंजिनियरों को बधाई दी।
परिक्षण के समय भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों तथा डीआरडीओ और ब्रह्मोस के अधिकारियों सहित महानिदेशक (ब्रह्मोस) और ब्रह्मोस एयरोस्पेश के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक डॉ सुधीर मिश्रा भी उपस्थित थे।