नई दिल्ली: देश में नागर विमानन ढांचे के विकास, उसके उन्न्यन, रखरखाव और प्रबंधन के उत्तरदायित्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए, भारतीय विमानन प्राधिकरण (एएआई) ने पिछले सप्ताह उत्तराखंड सरकार के साथ एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये और राज्य में नागर विमान क्षेत्र के विकास के लिए उत्तराखंड नागर विमानन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) के साथ हाथ मिलाया।
सहमति ज्ञापन का कार्य क्षेत्र उत्तराखंड में नागर विमानन ढांचे के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों की पहचान करने, राज्य के विभिन्न हवाई अड्डों की व्यवसायिक संभावना का आकलन करने, राज्य में हवाई अड्डे के संचालन के लिए तकनीकी जरूरतों का पता लगाने, परियोजनाओं के विकास के लिए तकनीकी और इंजीनियरिंग मानदंडों से जुड़े स्थानों का मूल्यांकन करने, भविष्य की परियोजनाओं के लिए पूंजीगत खर्च का अनुमान लगाने और राज्य में वर्तमात तथा भविष्य के नागर विमानन ढांचों के लिए मास्टर प्लान बनाने के लिए है। एएआई पिथौरागढ़ में अपग्रेड किये गये और बाद में चिनियालीसौड़ में हवाई अड्डों का संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक क्लीयरेंस लेने में यूसीएडीए की सहायता करेगा।
सहमति ज्ञापन पर उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव श्री एस रामास्वामी और महा प्रबंधक (व्यापार विकास) श्री अनिल गुप्ता ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के भीतर हवाई अड्डों के संचालन की काफी समय से लंबित जरूरत को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है। यह हवाई अड्डे क्षेत्रीय संपर्क योजना का भी हिस्सा होंगे। इनसे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को वायु संपर्क मिल सकेगा।
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