नई दिल्ली: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने 2013-17 के लिए सरकार की हज नीति की समीक्षाकरने तथा हज नीति 2018-22 के लिए रूपरेखा का सुझाव देने के लिए एक समिति गठित की थी।समिति ने आज (7 अक्तूबर, 2017) मुंबई में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बासनकवी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर सचिव (अल्पसंख्यक कार्य), श्री अमेयसिंगलुइखम, अध्यक्ष, भारतीय हज समिति, श्री चौधरी महबूब अली कैसर, सऊदी अरब में भारत केराजदूत श्री अहमद जावेद, भारतीय हज समिति के अन्य सदस्यों और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय केवरिष्ठ अधिकारी उपस्थिति रहे।
हज भारत सरकार द्वारा इसकी सीमाओं से बाहर किए गए सर्वाधिक जटिल संगठनात्मक कार्यां में सेएक है। यद्यपि, यह एक पांच दिन का धार्मिक समागम है, वास्तव में यह वर्ष भर चलने वालीप्रबंधकीय कार्रवाई है। भारतीय हज तीर्थयात्री, जो सबसे बड़े राष्ट्रीय समूह में से एक है, दो माध्यमोंसे हज करते हैं-(1) भारतीय हज समिति (एचसीओआई) और (2) पंजीकृत निजी टूर आपरेर्ट्स(पीटीओ)। हज समिति अधिनियम, 2002 के अधीन स्थापित भारतीय हज समिति इसके माध्यम सेहज करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रबंध करने के लिए उत्तरदायी हैं। सऊदी अरब में एचसीओआईतीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाओं का समन्वय भारत के महाकौंसलावास, जेद्दा द्वारा किया जाताहै। हज-2013 के बाद सऊदी अरब सरकार द्वारा भारत के लिए निर्धारित हज कोटा 136020 निर्धारित किया गया था। वर्ष 2016 में 135902 तीर्थयात्रियों ने हज किया जिसमें से 99902 भारतीयहज समिति के माध्यम से गए और 36000 निजी टूर आपरेटरों के माध्यम से गए। हज-2017 केलिए हज कोटा मूलतः बढ़ाकर 170025 कर दिया गया जिसमें से 1,25,025 का कोटा भारतीय हजसमिति को और 45,000 का कोटा निजी टूर आपरेटरों को आबंटित किया गया है।
भारतीय हज समिति और निजी टूर आपरेटरों के लिए हज नीति के बारे में उच्चतम न्यायालय केनिदेशों को देखते हुए मौजूदा नीतियों की समीक्षा करने और एक नई नीति बनाने का निर्णय लियागया है। तद्नुसार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने एक समिति गठित की जिसके संयोजक श्री अफजलअमानुल्लाह, आईएएस, सेवानिवृत्त, पूर्व सचिव, भारत सरकार और भूतपूर्व सीजीआई जेद्दा थे तथाजस्टिस एस. एस. पार्कर, सेवानिवृत्त बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, श्री कैसर शमीम, आईआरएस (सेवानिवृत्त), एवं पूर्व अध्यक्ष भारतीय हज समिति, श्री कमल फारूकी, प्रसिद्ध चार्टर्डएकाउंटेंट एवं मुस्लिम विद्वान इसके सदस्य थे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में हज प्रभारी संयुक्तसचिव श्री जे. आलम समिति के सदस्य सचिव थे।
समिति के विचारार्थ विषयों में निम्नलिखित शामिल था :
- भारतीय हज समिति और निजी टूर आपरेटरों से संबंधित मौजूदा हज नीति की इसके उद्देश्योंऔर उपलब्धियों की रोशनी में इसकी समीक्षा करना।
- मौजूदा नीति के संबंध में उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निदेशों के निहित-प्रभावों कीछानबीन करना और ऐसे निदेशों की रोशनी में उक्त नीति में उपयुक्त संशोधन सुझाना।
- हज सब्सिडी से संबंधित मुद्दों सहित भारतीय हज समिति द्वारा हज तीर्थयात्रियों के लिएआवास और हवाई यात्रा के लिए किए गए प्रबंधों की कारगरता की समीक्षा करना।
- भारतीय हज समिति और सीजीआई की कार्य प्रणाली में अंतर-संबंधों और तालमेल कीकारगरता की छानबीन करना।
- हज तीर्थयात्रियों के हितों की रक्षा के लिए पीटीओ के लिए पारदर्शिता, उपभोगता संतुष्टि औरप्रकटीकरण अपेक्षाओं के पहलूओं की छानबीन करना ताकि नई नीति को तीर्थयात्रियों के लिएअधिक सहायक बनाया जा सके।
- निजी टूर आपरेटरों के बीच उचित प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और उनके द्वारा प्रदान की गईसेवाओं के लिए अधिक महत्व के लिए उपाय सुझाना।
- एचसीओआई और पीटीओ के लिए हज नीति के संगत अन्य किन्हीं मुद्दों की छानबीन करना।
- उपर्युक्त की रोशनी में एचसीओआई और पीटीओ के लिए नई हज नीति हेतु ढांचा सुझाना।
समिति ने 15 फरवरी, 2017 से अपना कार्य करना शुरू किया और सूचना संकलित करने तथाअपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए बहुत सी बैठकें कीं। इसने सभी स्टेकहोल्डरों, समुदायके नेताओं और सामान्य जनता के साथ व्यापक परामर्श किया। इसने भारतीय हज समितिऔर विभिन्न राज्य/संघ राज्य क्षेत्र हज समितियों के साथ पारस्परिक बातचीत के लिए मुंबई, कोलकाता और नई दिल्ली में बैठकें कीं और निजी टूर आपरेटरों और उनकी एसोसिएशनों केसाथ मुंबई में बातचीत की। समिति नागर विमानन मंत्रालय और एयर इंडिया तथा सऊदीएयरलाइन्स सहित हज एयर चार्टर आपरेशनों में लगी एयरलाइनों के पदाधिकारियों, जहाजरानीमंत्रालय और भारतीय जहाजरानी निगम के पदाधिकारियों से मिलीं। समिति ने हिन्दी, अंग्रेजीऔर उर्दू के सभी अग्रणी समाचार पत्रों में विज्ञापन देते हुए आम जनता से सुझाव मांगे और25 मई, 2017 को नई दिल्ली में आम जनता और अन्य स्टेकहोल्डरों के साथ व्यक्तिगतबातचीत की थी।
समिति ने सऊदी अरब राज्य में विभिन्न स्थानों पर भारत के महाकौंसलावास(सीजीआई), जेद्दाद्वारा की गई हज व्यवस्थाओं की समग्र स्थिति को देखने के लिए अप्रैल, 2017 में सऊदीअरब राज्य का दौरा किया। समिति ने महाकौंसल और उसकी टीम के साथ कौंसलावास कीभूमिका और कार्यों के बारे में बातचीत की और भारतीय हज समिति तथा सीजीआई के बीचपारस्परिक संबंध और समन्वय की प्रभावशीलता पर विचार-विमर्श किया। समिति ने मोस्सासाके प्रचालन अधिकारियों और हज प्रचालन में लगे पदाधिकारियों अर्थात् नक्काबा सय्यरत, मकताबुल वुकला, अदिला एस्टेब्लिशमेंट, सऊदी एयरलाइनों और जीएसीए आदि के प्रतिनिधियोंके साथ परस्पर बातचीत की। समिति ने सऊदी अरब में रह रहे भारतीय समुदाय के विभिन्नवर्गों के साथ अपने विचार व्यक्त करने के लिए भी बातचीत की। अपने दौरे के दौरान समितिने मक्का और अजीजीया जहां भारतीय तीर्थ-यात्रियों के लिए भवन किराये पर लिए जाते हैं, मीना, मुजादलिफा और अराफात तथा माशेर क्षेत्र के मेट्रो ट्रेन स्टेशनों का फील्ड दौरा भीकिया।
व्यापक परामर्श और बातचीत के बाद समिति ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया।
समिति की मुख्य सिफारिशें निम्नलिखित अनुसार हैंः
भारतीय हज समिति के लिए सरकार की हज नीति
- भारतीय हज समिति और निजी टूर आपरेटरों के बीच कोटे का वितरण अगले 5 वर्षोंके लिए 70:30 के अनुपात में युक्तिसंगत बनाया जाए।
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच सीटों का वितरण उनकी मुस्लिम आबादी के अनुपात केसाथ-साथ प्राप्त आवेदनों के अनुपात में किया जाए।
- मेहरम के लिए कोटा 200 से बढ़ाकर 500 किया जाए।
- जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष कोटा 1500 से बढ़ाकर 2000 किया जाए।
- 500से कम आवेदन प्राप्त करने वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को अधिशेष सीटों केवितरण में प्राथमिकता दी जाएगी। इससे अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरएवं नागर हवेली, दमन एवं दिव तथा पुडूचेरी जैसे संघ राज्य क्षेत्रों के साथ-साथ छत्तीसगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे छोटे राज्यों को लाभ होगा।
- आवेदकों की आरक्षित श्रेणी अर्थात् 70+ तथा चौथी बार वालों को समाप्त किया जाए।
- 45वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को मेहरम के बिना हज के लिए चार या इससेअधिक के समूह में जाने की अनुमति दी जाए।
- मक्का, अजीजीया और आस-पास के क्षेत्रों में केवल एक श्रेणी का आवास यात्रियों केलिए परिवहन की सुविधाओं के साथ नई, बहु-मंजिला आधुनिक इमारतों में किराये पर लियाजाए।
- बाद के वर्ष में नई, अच्छी और बड़ी इमारतों में पुनः किराये पर लेने की व्यवस्था कीजाए।
- मदीना में सभी आवास केवल मरकजिया में ही किराये पर लिए जाएं।
- भारतीय हाजियों को ठहराना मीना की पारंपरिक सीमाओं के भीतर सुनिश्चित कियाजाए।
- प्रत्येक तीर्थ-यात्री के लिए अदाही कूपन अनिवार्य बनाए जाएं।
- ठेकेदारों के संघ को पारदर्शी बोली प्रक्रिया से तोड़ा जाए। बेहतर बातचीत से किराये कीदर नीचे लाई जाए।
- आरोहण स्थल (ईपी) 21 से घटाकर 9 किए जाएं जो (1) दिल्ली (2) लखनऊ (3) कोलकाता (4) अहमदाबाद (5) मुंबई (6) चेन्नई (7) हैदराबाद (8) बैंगलूरू और (9) कोचीन मेंहों। इन आरोहरण स्थलों पर उपयुक्त हज गृहों का निर्माण किया जाए। राज्य/जिलों को प्रत्येकआरोहण स्थल के साथ उचित रूप से जोड़ा जाए।
- बंद कर दिए गए आरोहण स्थलों पर निर्मित सुविधाओं का उपयोग वर्ष भर प्रशिक्षण, तीर्थ-यात्रियों के अभिमुखीकरण और समुदाय के लिए अन्य उत्पादक प्रयोगों के लिए कियाजाए।
- पोत के द्वारा हज यात्रा करने के बारे में सऊदी सरकार से परामर्श किया जाए औरउसके बाद ऐसी यात्रा के लिए बाजार की थाह लेने के लिए रूचि की अभिव्यक्ति का विज्ञापनदिया जाए।
निजी टूर आपरेटरों के लिए सरकार की नीति
- पीटीओ आवेदनों पर कार्रवाई के लिए एक मजबूत पोर्टल विकसित किया जाए।
- हज प्रभाग के निर्णयों से दुखी पीटीओ के अभ्यावेदनों पर विचार करने के लिए 2-3 विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाए।
- पीटीओ को उनके अनुभव और वित्तीय क्षमता के अनुसार तीन वर्गों में वर्गीकृत कियाजाए। पीटीओ का कोटा वैयक्तिक पीटीओ को सीटों का 200:100:50 के अनुपात में आबंटनकरने के प्रावधान के साथ तीनों वर्गों के बीच 30:40:30 के अनुपात में विभाजित किया जाए।
- पीटीओ के लिए एक व्यापक पैनलीकरण नीति तैयार की जाए जिससे आसानी एवं तेजीसे नवीकरण करने में सुविधा होगी। पैनल में शामिल करना दस्तावेजों के साथ-साथ पीटीओ केवास्ताविक निरीक्षण के आधार पर किया जाए। पीटीओ को सूची से निकालने और प्रतिभूतिजमा को जब्त करने के लिए कठोर मानकों का अनुसरण किया जाए।
- पीटीओ यात्रियों से केवल बैंक खाते के माध्यम से पूर्ण पैकेज लागत वसूल करें औरभारत से यात्रियों के प्रस्थान से पूर्व मंत्रालय को विवरण प्रस्तुत करें।
- प्रत्येक पीटीओ के पास पूर्व निर्धारित प्रकटन मानदंडों के साथ एक सही-सही वेबसाइटहोनी चाहिए।
- पीटीओ का नाम बदलकर हज समूह संगठक (एचजीओ) किया जाए।
अन्य सिफारिशें
- बेहतर समन्वय के लिए सचिव (अल्पसंख्यक कार्य) और सचिव (विदेश मंत्रालय) कीसह-अध्यक्षता में अन्य संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संचालन समिति कागठन किया जाए।
- भारत से दो सदस्यीय हज सद्भावना प्रतिनिधि मंडल जारी रहे।
- सीरिया, ईरान, ईराक और जोर्डन तक उमरा और जियारत शामिल करने, पुराने उपबंधोंको हटाने, भारतीय हज समिति में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का अधिकारी शामिल करनेआदि के बारे में हज समिति अधिनियम में संशोधन।
उपर्युक्त के अतिरिक्त, विभिन्न मंत्रालयों/एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और जवाबदेहीसुनिश्चित करने के लिए और हज तीर्थ-यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कईअन्य सिफारिशें की गई हैं। इसकी प्रस्तुति के बाद एचपीआरसी की रिपोर्ट की मंत्रालय में जांचकी जाएगी और स्वीकृत सिफारिशों को हज 2018 से आगे कार्यान्वित करने के लिए सभीसंबंधितों के साथ साझा की जाएगी। इन सिफारिशों के कार्यान्वयन से यह उम्मीद है कि हजका प्रबंधन और आगे सरल होगा जिससे भारतीय तीर्थ-यात्रियों के लिए आरामदायक औरकिफायती हज तीर्थ- यात्रा का उद्देश्य पूरा करने में सहायता मिलेगी।