देहरादून: उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ के ग्रीन कैमिस्ट्री इंजिनियरिंग़ एण्ड टेक्नोलाॅजी विकास विषय पर आयोजित प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित किया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हए उन्होंने कहा कि पंजाब विश्विद्यालय और फ्लोरिडा पाॅलिटेक्निक विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हरित रसायनशास्त्र/इंजनियरिंग एवं स्थाई तकनीकी विकास विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाना पंजाब विश्वविद्यालय के साथ-साथ पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। राज्यपाल ने पंजाब विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र संकाय और फ्लोरिडा पाॅलिटेक्निक विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा इस संयुक्त प्रोजेक्ट के लिए सम्मानित किये जाने पर प्रसन्न्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य ग्रीन-रसायन इंजीनियरिंग और टैक्नोलाॅजी को विकसित करना है। इस दिशा में सतत् विकास, शैक्षणिक शोध और आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से सभी वैश्विक चुनौतियांै का सामना करना होगा। इस सम्मेलन में प्रमुखता से बढ़ते औद्यौगिकरण के साथ-साथ वाष्पशील कार्बनिक और सिंथेटिक प्रदूषण की समस्या पर विचार किया जाना होगा, इन समस्याओं का सामना विश्वभर के वैज्ञानिक जगत को करना पड़ रहा है। वायु और जल की गुणवत्ता को बनाये रखना और सुधार करना वैश्विक समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
हरित रसायनशास्त्र और इंजीनियरिंग के सिद्धान्तों के कार्यान्वयन और ग्रीन टैक्नोलाॅजी का विकास मानव जाति के सतत् विकास के लिए सुनिश्चित करना, ग्रीन कैमिस्ट्री के प्रयोग के सिद्धांतो से रासायनिक उत्पादों के खतरों को कम या खत्म करना हमारा सर्वोपरी प्रयास होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि रसायन शास्त्र जीवन के हर पक्ष में सम्मिलित है इसलिए आयोजकों द्वारा हरित रसायन विज्ञान विषय पर मंथन के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकी विद्वानों और विशेषज्ञों को इस सम्मेलन के माध्यम से एक साथ जोड़ने के प्रयास सराहनीय हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण की सबसे प्रमुख समस्या ’जलवायु परिवर्तन’ पर वर्ष 2015 में पेरिस पर्यावरणीय सम्मेलन में हरित प्रौद्योगिकी के विकास को कार्यान्वित करने के बाद जो हरित रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग का सिद्धांत सामने आया उस पर विकसित और विकासशील देशों के बीच अनिवार्य रूप शैेिक्षणिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने वाली गतिविधियों की अति आवश्यकता है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस सम्मेलन से रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अभिनव और आदर्श तकनीकी सामने आयेगी जिसका का लाभ समाज को मिलेगा।
राज्यपाल ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक और शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित स्थान पाया है और फ्लोरिडा पाॅलीटेक्निक विश्वविद्यालय के साथ मिलकर महत्वूपर्ण विषय पर सम्मेलन आयोजित किये जाने के संयुक्त प्रयास की भी सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा अमेरिकी संस्थान के साथ इस प्रयास में वैज्ञनिक अवसंरचना को आगे बढ़ाने के दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव होंगे।
भारत और अमेरिका के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक सत्र के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए एक मंच पर होंगे। दोनो देशों के बीच विशेषज्ञता अनुसंधान संसाधनों और गतिविधियों का आदान -प्रदान सत्र का एक मात्र उददेश्य होना चाहिए। इस अवसर पर प्रो0 अरूण कुमार ग्रोवर, प्रो0 रैंण्डी एवैंट, प्रो0 वेणू गोपालन, डा0 जी.आर. चैधरी और डा0 जसप्रीत धऊ आदि उपस्थित थे।