नई दिल्लीः राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने समारोह की अध्यक्षता भी की। इस अवसर पर बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजकुमार सिंह ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
माननीय राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार भी प्रदान किए। यह पुरस्कार उन उद्योगों को दिए गए, जिन्होंने अपनी ऊर्जा खपत में उल्लेखनीय कमी प्रदर्शित की थी। इस अवसर पर ऊर्जा क्षमता उपलब्धियों पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। राष्ट्रपति महोदय ने राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार भी प्रदान किए और विजेता चित्रकारों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस वर्ष राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा-4 और 9 के बीच के 1.22 करोड़ बच्चों ने हिस्सा लिया था।
उल्लेखनीय है कि ऊर्जा संरक्षण दिवस हर वर्ष 12 दिसंबर को मनाया जाता है।
उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति महोदय ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार अर्थव्यवस्था के सतत विकास के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ है और सब के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का लक्ष्य प्राप्त करना एक अभूतपूर्व कदम होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के विशाल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के अलावा प्रत्येक नागरिक को योगदान करना होगा।
देश की आर्थिक विकास में ऊर्जा के महत्व पर जोर देते हुए श्री आर.के. सिंह ने कहा कि कोई भी देश बिना ऊर्जा खपत बढ़ाए प्रगति नहीं कर सकता, खासतौर से विकासशील देश। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति वार्षिक ऊर्जा खपत 1100 यूनिट है, जो यूरोप से पांच गुना और अमरीका से 16 गुना कम है। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास को कायम रखते हुए 2030 तक ऊर्जा खपत को एक तिहाई तक घटाने का प्रयास करेगा।
श्री आर.के. सिंह ने देश में ऊर्जा संरक्षण और अर्थव्यवस्था को कारगर बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण पेश किया।
इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति महोदय ने इको-निवास नामक एक ऑनलाइन पोर्टल का भी अनावरण किया। उल्लेखनीय है कि इसकी शुरूआत इसलिए की गई है, ताकि देश में ऊर्जा क्षमता के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके।
इस अवसर पर बिजली सचिव श्री अजय कुमार भल्ला, नवीन एंव नवीकरणीय ऊर्जा सचिव श्री आनंद कुमार, मंत्रालय के आला अधिकारियों सहित उद्योग, स्कूल और सरकारी निकायों के पुरस्कार विजेता भी उपस्थित थे।
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