नई दिल्ली: भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पश्चिम बंगाल में वित्तीय सुधारों के लिए 300 मिलियन डॉलर के एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि राज्य में सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।
दूसरे पश्चिम बंगाल विकास वित्त कार्यक्रम का उद्देश्य अनुत्पादक व्यय को कम करके और राजस्व संग्रह में बढ़ोत्तरी के माध्यम से सार्वजनिक निवेश को बढ़ाना है। कार्यक्रम के पहले चरण में 400 मिलियन डॉलर का व्यय हुआ था।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग में सयुंक्त सचिव श्री समीर कुमार खरे नें बताया कि कार्यक्रम का लक्ष्य सुधारों का दायरा बढ़ाना, व्यय को तार्किक बनाना, राजकोषीय प्रशासन में सुधार और राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना है।
भारत के लिए एडीबी के निदेशक केनी केची योकोयामा ने कहा, “नया कार्यक्रम राज्य में उच्च सार्वजनिक निवेश को बनाए रखने के लिए आवश्यक वित्तीय माहौल बनायेगा, जो राज्य की वित्त प्रणाली को संतुलित और स्थायी बनाने में मददगार होगा। समझौता पत्र पर पश्चिम बंगाल की ओर से वित्त विभाग के सचिव परवेज़ अहमद सिद्दकी ने किए जबकि एडीबी की ओर से भारत के लिए एडीबी के निदेशक केनी केची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए।
यह कार्यक्रम राज्य में सार्वजनिक निवेश के साथ-साथ निजी क्षेत्र के निवेश को भी प्रोत्साहित करेगा। इससे जरूरी ढांचागत सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाएगा। सार्वजनिक और निजी साझेदारी का जोर मुख्यत: स्वास्थ्य और शिक्षा में क्षेत्र में रहेगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए पंजीकरण और लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।