नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की और दोनों पक्षों ने रक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सीमा शुल्क के क्षेत्र में आपसी सहयोग समेत एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किये.
दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों देश पारंपरिक करीबी और सौहार्दपूर्ण संबंधों को गति प्रदान कर रहे हैं. भारत और जार्डन ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जिसमें प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सैन्य अध्ययन, साइबर सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा सेवाा, शांति रक्षा जैसे कुछ चिह्नित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया जायेगा. दोनों देशों ने स्वास्थ्य एवं औषधि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया.
इसका मकसद स्वास्थ्स, चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा शिक्षा और शोध के क्षेत्र में समानता और आपसी लाभ के आधार पर सहयोग बढ़ाना है. इसमें सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज, सेवा एवं आइटी क्षेत्र में स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शोध, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सांख्यिकी, उपचार, फार्मा एवं चिकित्सा उपकरण के संबंध में नियमन, टीबी जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है. समझौते के तहत भारत, जार्डन में अगली पीढ़ी का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा जिसके माध्यम से अगले पांच वर्षों में 3000 आईटी पेशेवरों को प्रशिक्षित किया जायेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने राक फास्फेट और उर्वरक एवं एनपीके की दीर्घावधि आपूर्ति के बारे में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. दोनों देशों ने सीमा शुल्क से जुड़े अपराधों को रोकने तथा सीमा शुल्क, कर, फीस एवं अन्य शुल्क के बारे में सटीक सूचनाओं के आदान प्रदान के बारे में भी समझौता किया. भारत और जार्डन ने आगरा और पेट्रा के बीच अनुकूलता संबंधी एक समझौता भी किया जिसका मकसद दोनों क्षेत्रों की नगर पालिकाओं के बीच पर्यटन, संस्कृति, खेल और आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों की पहचान करने और इन्हें बढ़ावा देने में सहयोग करना है.
भारतीय जन संचार संस्थान और जार्डन मीडिया इंस्टीट्यूट के बीच भी सहयोग को बढ़ावा देने के बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. इसके तहत दोनों संस्थान आकादमिक और वैज्ञानिक गतिविधियों का संयुक्त रूप से आयोजन करेंगे और कर्मचारियों, छात्रों एवं सामग्रियों का आदान प्रदान करेंगे. दोनों देशों ने राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा छूट देने तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम के संबंध में भी समझौता किया. सांस्कृतिक आदान प्रदान समझौते के तहत साल 2018 से 2022 के बीच भारत और जार्डन संगीत, नृत्य, थियेटर, प्रदर्शनी, सम्मेलनों, संग्रहालयों, शोध, पुरातत्व के क्षेत्र में आपसी आदान प्रदान को बढ़ावा देंगे. भारत और जार्डन ने मानव शक्ति के क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता किया. यूनिवर्सिटी आॅफ जार्डन और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया जिसका मकसद विश्वविद्यालय में हिंदी पीठ की स्थापना करना है. (prabhatkhabar)