नई दिल्ली: भारत और ब्रिटेन के बीच पहली गृह मंत्रालय वार्ता का आज आयोजन हुआ। भारतीय पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव महर्षि ने और ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सुश्री पात्सी विलकिंसन, दूसरी स्थायी सचिव, होम ऑफिस ब्रिटिश सरकार ने किया।
इस बैठक का आयोजन नंवबर 2016 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा वार्ता को आगे बढ़ाने और मजबूत बनाने के लिए दर्शाई गयी प्रतिबद्धता की अनुवर्ती कार्यवाही के रूप में किया गया। दोनों पक्षों ने वांछित व्यक्तियों के प्रत्यर्पण से संबंधित मामलों के बारे में संतोष व्यक्त किया। प्रत्यर्पण के मामलों से संबंधित प्रक्रिया और इसमें आगे सुधार लाने की जरूरत के बारे में भी विचार- विमर्श किया। दोनों पक्षों ने अवैध प्रवासियों की चुनौतियों का समाधान करने के बारे में सहमति जताई।
दोनों पक्ष राष्ट्रीयता सत्यापन के अधीन इंग्लैंड में अधिक अवधि से रह रहे भारतीयों की सहज वापसी सुनिश्चत करने के लिए भी मिलकर कार्य करेंगे। गंभीर और संगठित अपराधों से निपटने के लिए अपराधियों के डाटा साझा करने और सहयोग को मजबूत बनाने के संबंध में दोनों पक्षों ने सहयोग के मौजूदा स्तर पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्ष द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने तथा मजबूत करने एवं प्रबंधों को औपचारिक रूप देने के लिए कार्य करने पर भी सहमत हुए।
भारत ने भारतीय छात्रों, कुशल पेशेवरों और भारतीय राजनयिकों के आश्रितों के सामने आ रही वीजा संबंधित कठिनाइयों के मुद्दे को उठाया। ब्रिटेन ने आश्वासन दिया कि इस बारे में ध्यान दिया जाएगा। ब्रिटेन के पक्ष ने यह उल्लेख किया कि वह दोनों देशों के मध्य लोगों की मौजूदा आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए वीजा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
ब्रिटेन के पक्ष ने पंजीकृत यात्री योजना और ग्रेट क्लब घोषणाओं के संबंध में हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी। ये घोषणाएं इंग्लैंड के प्रधानमंत्री की 2016 में भारत यात्रा के दौरान की गईं थी। भारत और ब्रिटेन दोनों ने आतंकवाद निरोधी तंत्र में सहयोग बढ़ाने और साइबर अपराधों को रोकने और आपसी मदद को मजबूत बनाने पर जोर दिया।