नई दिल्ली: भारत और यूक्रेन सिनेमा के माध्यम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने के लिए सहमत हो गए हैं। इस सहयोग को फिल्म महोत्सव के माध्यम से फिल्में दिखाने के लिए नीति और संस्थागत ढांचे के द्वारा और भारत द्वारा स्थापित फिल्म सुविधा कार्यालय मंच का उपयोग करके बढ़ाया जाएगा। उपशीर्षकों के साथ फिल्में दिखाने के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया ताकि फिल्मों की जनता तक पहुंच हो सके। इन मुद्दों के बारे में सूचना और प्रसारण मंत्री श्री लिए श्री एम वेंकैया नायडू और यूक्रेन के सांसद तथा यूक्रेन की राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो प्रसारण परिषद के अध्यक्ष श्री इयूरी आर्टिमेंको के नेतृत्व वाले यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के मध्य आज नई दिल्ली में विचार-विमर्श किया गया। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर और सूचना एवं प्रसारण सचिव भी इस चर्चा के दौरान उपस्थित थे।
चर्चा के दौरान श्री नायडू ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दोनों देशों के मध्य सार्वजनिक प्रसारकों, विषय वस्तु सृजन, फिल्मों की स्क्रीनिंग और वितरण के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। दोनों देशों के सार्वजनिक प्रसारकों के संबंध में अनुवाद करने के कार्यक्रम, दोनों देशों की संबंधित भाषाओं में विषयवस्तु और उपशीर्षक प्रदान करने की संभावना के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
श्री नायडू ने अभी हाल में मंत्रालय में स्थापति फिल्म सुविधा केन्द्र के बारे में भी प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। जिसे फिल्म निर्माताओं के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा के लिए स्थापित किया गया है। यह केंद्र फिल्म निर्माताओं के लिए एक सहायता केन्द्र के रूप में कार्य करता है। यह केंद्र फिल्म निर्माताओं को एक सहायता प्रदान करने और अपेक्षित अनुमतियों को प्राप्त करने, शूटिंग स्थलों के बारे जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ फिल्म निर्माण और फिल्म निर्माण के बाद भारतीय फिल्म उद्योग में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराता है।
श्री इयूरी आर्टिमेंको ने कहा कि यूक्रेन सरकार सिनेमा के माध्यम से दोनों देशों में सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन में एक भारतीय फिल्म महोत्सव का आयोजन करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने निकट भविष्य में आयोजित किए जाने वाले फिल्म महोत्सव के लिए व्यक्तिगत निमंत्रण दिया। उन्होंने भारतीय विवाह, राजस्थान जैसे पर्यटक स्थलों और विभिन्न भारतीय व्यंजनों पर आधारित कार्यक्रमों को यूक्रेन में दिखाए जाने में रुचि दिखाई।
अपने –अपने देश में एक दूसरे की फिल्मों को दिखाने के लिए फिल्म महोत्सव आयोजित करने और भागीदार देशों के रूप में इन फिल्म महोत्सव में भाग लेने की संभावनाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।