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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का गुजरात विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

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नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का गुजरात विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

  1. इस दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी पदक विजेताओं, उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों, अन्य सभी विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को मेरी बहुत-बहुत बधाई!
  2. बापू की जन्मस्थली गुजरात, और उनके कर्मठ और संघर्षमय जीवन के केंद्र बिन्दु, अहमदाबाद में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है। अहमदाबाद में स्थित इस विश्वविद्यालय के युवा छात्रों के बीच आकर, मेरी प्रसन्नता और भी बढ़ी है।
  3. आज विश्व में, अहमदाबाद की एक खास पहचान बन गयी है। पिछली जुलाई में ‘यूनेस्को’ की हेरिटेज समिति के सभी देशों ने एक स्वर से अहमदाबाद को ‘वर्ल्ड हेरिटेज सिटी’ घोषित किए जाने का समर्थन किया था। यह पहला अवसर था, जब भारत के किसी शहर को यह गौरव प्राप्त हुआ। यह हम सभी देशवासियों के लिए विशेष कर गुजरात और अहमदाबाद के निवासियों के लिए बड़े गौरव की बात है।
  4. जिन मापदंडों पर अहमदाबाद को यह दर्जा दिया गया उनमें, इस शहर की  ऐतिहासिक इमारतों के साथ-साथ, यहां के लोगों का आपसी सौहार्द और साझा संस्कृति शामिल हैं। साथ ही, समिति ने इस बात को खास अहमियत दी कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहमदाबाद, भारत के अहिंसापूर्ण स्वतन्त्रता आंदोलन का मुख्य केंद्र रहा था। इस प्रकार, ये सभी मानवीय मूल्य, इस शहर की अमूर्त धरोहर का हिस्सा हैं।
  5. मैं आप सब से यह अपेक्षा करता हूं कि सभी विद्यार्थी, सामाजिक सौहार्द और अहिंसा के इन मूल्यों को अपने जीवन में ढालेंगे, और इनका प्रचार-प्रसार भी करते रहेंगे। सहयोग और बंधुता पर आधारित विकास आप सबका लक्ष्य होगा।
  6. हेरिटेज सिटी होने के साथ-साथ अहमदाबाद ‘स्मार्ट सिटी’ बनने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। देश की पहली बुलेट ट्रेन की यात्रा भी यहीं से शुरू होगी। आज चीन, जापान, इज़राइल जैसे अनेक देशों के प्रमुख अहमदाबाद आते हैं और यहाँ की संस्कृति और विरासत को देखकर प्रभावित होते हैं। यहां का इनफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक सुविधाएं और विकास के लिए अनुकूल वातावरण इस शहर को और अधिक आकर्षक बनाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, और मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी जी के प्रयासों से हुए गुजरात के विकास के कारण, इस राज्य को आज अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त होता है। गुजरात राज्य की  सराहनीय उपलब्धियों के लिए मुख्य मंत्री, श्री रूपाणी जी, और उनकी पूरी टीम को मैं बधाई देता हूं।
  7. टेक्नोलॉजी और नई पद्धतियों के जरिये अहमदाबाद को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के प्रयास में यहां के विद्यार्थियों को भी अपने उद्यम द्वारा योगदान देने के कई अवसर उपलब्ध हैं। मुझे आशा है कि आप सब इन अवसरों का भरपूर उपयोग करेंगे।
  8. आज इस विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र ने, जीवन की कठिनाइयों के बीच अपनी राह बनाते हुए, देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने की यात्रा तय की है। उन्होने भारत की सांस्कृतिक विरासत और नैतिक मूल्यों से विश्व समुदाय को जोड़ने के साथ-साथ, टेक्नोलोजी के विकास, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्ट-अप-इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा इक्कीसवीं सदी के युवाओं के लिए नए रास्ते खोले हैं। उन रास्तों पर चलते हुए, आप सभी युवा, गुजरात और भारत के विकास की नई इबारत लिख सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यहां के हर एक छात्र के लिए, आत्मबल और राष्ट्र-चेतना के बहुत ही ऊंचे आदर्श प्रस्तुत किये हैं।
  9. इस विश्वविद्यालय के प्रबंधन और छात्रों का सौभाग्य है कि राज्यपाल महोदय के रूप में, उन्हे एक ऐसे कुलाधिपति का मार्गदर्शन मिलता है, जो एक श्रेष्ठ शिक्षाविद हैं, और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।
  10. आज भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रमो की सफलता की पूरी दुनिया में सराहना होती है। हाल ही में भारत ने अपने सौवें उपग्रह को लांच किया है। भारत में अन्तरिक्ष कार्यक्रमों के जनक डॉक्टरविक्रम साराभाई और उन्हे आगे ले जाने वाले डॉक्टर कस्तूरी रंगन, इसी विश्वविद्यालय से जुड़े हुए थे। मुझे बताया गया है कि, मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति, ‘भारत-रत्न’ डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इसी विश्वविद्यालय के परिसर में दो साल रह कर महत्वपूर्ण शोधकार्य किया था।
  11. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि इस विश्वविद्यालय द्वारा alumni association को अब और सक्रिय बनाया जा रहा है। यहां की alumni list में अनेक सफल और प्रेरक लोगों के नाम होंगे। मैं आशा करता हूं कि इन पूर्व छात्रों के अनुभव और सहयोग से लाभ लेते हुए, आप सब, विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर अपना कारोबार करने के क्षेत्र में, आगे बढ़ेंगे।
  12. सफल प्रवासी भारतीयों में, गुजरात के लोगों की बहुत बड़ी संख्या है। इन प्रवासियों में भी, इस विश्वविद्यालय के अनेक पूर्व छात्र हैं। आप सब, दुनियां भर में फैले हुए, इन सफल पूर्व छात्रों में, अपने मार्ग-दर्शकों को ढूंढ सकते हैं।
  13. मुझे बताया गया है कि, विश्वविद्यालय की ‘स्टार्ट-अप एंड आंत्रप्रन्योरशिप काउंसिल’ द्वारा अनेक नए उद्यमों को सहायता दी जा रही है। ‘काउंसिल ऑफ़ स्किल डेवलपमेंट’ की स्थापना भी, विद्यार्थियों को सक्षम बनाने की दिशा में एक अच्छा योगदान है। मैं मानता हूं कि एम्प्लोएबिलिटि, सेल्फ-इम्प्लॉइमेंट और निजी उद्यम के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना आज के विश्वविद्यालयों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
  14. गुजरात में स्व-रोजगार की संस्कृति पहले से ही काफी मजबूत रही है। यह गुजरात के अपेक्षाकृत अधिक विकसित राज्य होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। यहां के विद्यार्थी, गुजरात के लोगों की उद्यमशीलता के अनगिनत उदाहरणों से प्रेरणा ले सकते हैं। अहमदाबाद में ‘स्टार्ट-अप’ को प्रोत्साहन देने के लिए बहुत से अच्छे संस्थान हैं। अभी हाल ही में, भारत और इज़राइल के प्रधानमंत्रियों ने, यहां ‘इन्टरनेशनल सेंटर फॉर आंत्रप्रेन्योरशिप एंड टेक्नोलोजी – आई क्रिएट’ का उद्घाटन किया है। इस सेंटर में भारत के युवा उद्यमियों को सहायता देने के लिए विश्व-स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। आपको अपना उद्यम शुरू करने में सहायता देने के लिए इतनी अच्छी सुविधाएं यहीं पर उपलब्ध हैं। आप सब अवश्य इनका लाभ उठाएं।
  15. मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि विश्वविद्यालय द्वारा ‘डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सेंटर फॉर एक्स्टेंशन रिसर्च एंड इनोवेशन’ के निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। आने वाले दौर में, ‘इनोवेशन’, सफलता का प्रमुख स्रोत रहेगा। आस-पास के परिवेश की जरूरतों और संसाधनों से जुड़े हुए उपयोगी इनोवेशन करके, आप सब, अपना विकास करने के साथ-साथ, स्थानीय विकास में भी अपना योगदान दे सकते हैं। इससे आप सबको सार्थकता का अनुभव भी होगा।
  16. मुझे यह भी बताया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा ओलंपिक स्तर की सुविधाओं से युक्त ‘सरदार पटेल स्पोर्ट्स सिटी’ का निर्माण अंतिम चरण में है। विश्व-स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने का यह प्रयास सराहनीय है।

प्रिय विद्यार्थियों

  1. औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद, अब आप व्यावाहारिक जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। आपने अब तक जो शिक्षा प्राप्त की है उसका उपयोग आप कैसे करेंगे, यह फैसला आपको करना है। आपने जो लक्ष्य चुने होंगे, या अब चुनेंगे, वह भी आपका ही निर्णय है। लेकिन आप जो भी करें, उसे पूरी निष्ठा और एकाग्रता के साथ करें। ऐसा प्रयास कभी निरर्थक नहीं जाता है।
  2. अच्छी शिक्षा, विद्यार्थियों को सक्षम बनाने के साथ-साथ उन्हे संवेदनशील भी बनाती है। ऐसी शिक्षा सफलता के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ, नैतिकता के लिए आस्था भी जगाती है। नरसी मेहता और महात्मा गांधी के राज्य, गुजरात में, शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं से संवेदनशीलता, नैतिकता और मानव-कल्याण के लिए योगदान देने की उम्मीद रखना स्वाभाविक है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब सफलता और नैतिकता के समन्वय की मिसालें कायम करेंगे।
  3. मैं आप सभी विद्यार्थियों से यह कहना चाहूंगा कि जीवन में आपको जो कुछ भी मिला है वह केवल आपका ही नहीं है। उसमें आपके परिवार, शुभ-चिंतकों, शिक्षकों, समाज और सरकार का भी योगदान है। यह आपको सोचना है कि इन सभी को, विशेषकर समाज को, किस प्रकार अपना योगदान देंगे ताकि आपने जो पाया है, उसके बदले में कुछ देने का संतोष, आप महसूस कर सकें। आप समाज के उन लोगों के बारे में खास तौर से सोचें, जो किन्ही कारणों से शिक्षा और विकास के अवसरों से वंचित रह गए हैं। यह संवेदनशील सोच आपके दायरे को फैलाएगी, और आपके व्यक्तिगत विकास में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
  4. आज पदक विजेताओं में 49 छात्र और 86 छात्राएं हैं। यानी, पदक हासिल करने वाली बेटियों की संख्या बेटों की तुलना में लगभग दोगुनी है। ऐसा ही अनुपात मैंने कई अन्य शिक्षण संस्थानों में भी देखा है। यह हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है। यह एक अधिक संवेदनशील और बराबरी के समाज की तरफ, हमारे शिक्षण संस्थानों का, अभिभावकों का, और हमारी बेटियों का, एक बड़ा कदम है। मैं इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय की भी विशेष सराहना करता हूं।
  5. मैं सभी विद्यार्थियों को, एक बार फिर बधाई देता हूं। जिन छात्र-छात्राओं ने निरंतर परिश्रम करके पदक हासिल किए हैं, वे विशेष सराहना के पात्र हैं। मैं आप सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
  6. अंत में, मैं आप सब को ‘राष्ट्रपति भवन’ में आने और उसे देखने का आमंत्रण देता हूं। हमारे लोकतन्त्र का प्रतीक ‘राष्ट्रपति भवन’ आप सब का ही भवन है। राष्ट्रपति भवन में आप सभी का स्वागत है।

धन्यवाद

जय हिन्द!

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