देहरादून: ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ के लिए हम सभी को मिलजुलकर प्रयास करने होंगे। हम सभी को एक दूसरे से अपने अनुभव साझा करने चाहिए। कश्मीर धरती का स्वर्ग है। कश्मीर जाने वाला पर्यटक अब दूसरी जगहों पर जाने लगा है। हमें सुरक्षित कश्मीर का संदेश देने के प्रयास करने होंगे। गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में ‘‘भारत दर्शन’’ कार्यक्रम के तहत देहरादून में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्र-छात्राओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उक्त बातें कहीं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देकर सिक्किम जैसे छोटे राज्य की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन आया है। कुछ लोगों के उपद्रव के कारण कश्मीर से गलत संदेश जाता है। जम्मू कश्मीर में भी शांति स्थापित कर पर्यटन व अन्य आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना होगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड व जम्मू कश्मीर में काफी समानताएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां पढ़कर जाने वाले बच्चे अपने साथ बेहतर अनुभव व मीठी यादें साथ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा जो बातें उनके सामने लाई गई हैं, उनके समाधान के पूरे प्रयास किए जाएंगे। कश्मीरी छात्रों को छात्रवृत्ति की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति भारत सरकार से एससी व एसटी छात्र-छात्राओं के लिए प्रदान की जाती है, फिर भी इस मामले को भारत सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जल्द ही जम्मू व उसके बाद श्रीनगर जाने का कार्यक्रम है।
कार्यक्रम में आते ही मुख्यमंत्री श्री रावत छात्र-छात्राओं के बीच में गए और उनकी पढ़ाई व कैरियर प्लान के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में अपने अनुभव रखते हुए अल्पाईन इंस्टीट्यूट के छात्र सज्जाद ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोगों का व्यवहार बहुत ही अच्छा है। उन्हें यहां घर जैसा अनुभव होता है। एमएससी जूलोजी के छात्र आमिर ने कहा कि उत्तराखण्ड का समाज काफी सभ्य है। जब भी किसी तरह की परेशानी आई यहां के लोगों ने मदद की। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कश्मीरी छात्र-छात्राओं को स्कालरशिप देने व अच्छी गुणवत्ता के काॅलेज कश्मीर में भी स्थापित किए जाने की बात केंद्र सरकार के समक्ष रखी जाए। डोल्फिन काॅलेज की छात्रा नुजहत ने कहा कि देहरादून आकर काफी अनुभव हुआ है। यहां के लोगों का मित्रवत व्यवहार सुरक्षा की भावना देता है। उत्तराखण्ड व जम्मू कश्मीर में काफी समानताएं हैं। हमे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि कोई भेदभाव किया जा रहा हो। कार्यक्रम में बाबा फरीद इंस्टीट्यूट के सलमान व महक ने भी अपने विचार व्यक्त किए।