नई दिल्लीः भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 2017-18 और 2018-19 के दौरान अनुमानित 3,173.47 करोड़ रुपये लागत के 16,15,000 मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों बीईएल तथा ईसीआईएल से खरीदने के लिए आशय पत्र जारी किया है। ईसीआईएल और बीईएल के मुख्य प्रबंधक निदेशकों (सीएमडी) को शुक्रवार (21 अप्रैल) को भेजे अपने आशय पत्र में आयोग ने प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई से सितंबर, 2018 तक 8,07,500 वीवीपीएटी खरीदने के बारे में बताया गया है।
दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों द्वारा ये वीवीपीएटी आईआईटी के प्रमुख तकनीकी प्रोफेसरों को शामिल कर ईवीएम पर गठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर आयोग द्वारा अनुमोदित डिजाइन के अनुरूप ही बनाईं जाएंगी। आम चुनाव 2019 से पहले वीवीपीएटी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आयोग इनके उत्पादन की निगरानी करेगा।
इस कदम के महत्व को समझाते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने कहा, “इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाताओं को यह पता करने का अधिकार मिलेगा कि उसने किस पार्टी को मत दिया है, जिससे मतदाताओं का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा।”
19 अप्रैल, 2017 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए और भारत निर्वाचन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सरकार ने 16,15,000 वीवीपीएटी खरीदने के लिए 3173.47 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया था। इन वीवीपीएटी का उपयोग आगामी चुनावों और आम चुनाव 2019 में किया जाएगा।
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