नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), एमओएस पीएमओ, कार्मिक जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डा जितेन्द्र कुमार ने कहा है कि भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक डा होमी भाभा का परमाणु शांति मिशन सभी प्रकार की बुराइयों से मुक्त रहा है।
वे कल राष्ट्रीय राजधानी में 9वें परमाणु ऊर्जा सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 60 वर्षों के बाद हम समूचे विश्व के समक्ष यह दावा करने की स्थिति में हैं कि भारत का परमाणु कार्यक्रम आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रमुख संसाधन रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 60 प्रतिशत विद्युत उत्पादन कोयले और अन्य संसाधनों से होता है, परन्तु आने वाले वर्षों में परमाणु ऊर्जा सहित हरित संसाधनों का विद्युत उत्पादन में प्रमुख योगदान होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विस्तार पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है।
वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों, डा अनिल काकोदकर, डा एस के शर्मा और अन्य विशेषज्ञों ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।