नई दिल्ली: उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत भूटान को अपने सामाजिक-आर्थिक विकास में साझीदार बनाने और अपनी 12वीं पंचवर्षीय योजना में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। वह आज यहां भूटान के नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल के साथ बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर भारत एवं भूटान दोनों ही देशों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत और भूटान अनुकरणीय द्विपक्षीय संबंधों को साझा करते हैं और ये संबंध अनूठे और विशिष्ट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपर्क हमें प्राकृतिक मित्र और साझेदार बनाते हैं। उन्होंने भूटान नरेश को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उनके इस वर्ष भारत के उप-राष्ट्रपति के रूप में उत्तरदायित्व ग्रहण करने के अवसर पर उन्हें गर्मजोशी भरा बधाई पत्र भेजा था।
उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि अपनी बेहद विशिष्ट संस्कृति को संरक्षित रखते हुए तथा पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए भूटान द्वारा की गई तेज प्रगति को देखकर भारत बहुत प्रसन्न है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और भारत के नागरिक ड्रक ग्यालपोस (महाराज) के विजन की सराहना करते हैं जिसने हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को मार्गदर्शन दिया है। उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भूटान के राजाओं और भारतीय नेतृत्व की बुद्धिमता और दूरदृष्टि ने भारत-भूटान संबंधों को लगातार मजबूत बनाया है।
उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत भूटान के साथ अपने ज्ञान, अनुभव और संसाधनों को साझा कर हमेशा प्रसन्न रहा है जिसने भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे विकास सहयोग को सरकार एवं भूटान के नागरिकों द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं से दिशा-निर्देश मिला है। उन्होंने कहा कि भारत भूटान को अपने सामाजिक-आर्थिक विकास में साझीदार बनाने और अपनी 12वीं पंचवर्षीय योजना में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत भूटान के साथ वर्तमान पन-बिजली सहयोग को मजबूत बनाने के प्रति प्रतिबद्ध बना हुआ है। न्यूनतम लागत के साथ वर्तमान पन-बिजली परियोजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमारे द्विपक्षीय सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है और काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें इसे द्विपक्षीय सहयोग को एक प्रतिमान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जो हमारे पड़ोसी देशों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा।
उप-राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत और भूटान की सुरक्षा चिंताए अविभाज्य, आपस में जुड़े हुए तथा परस्पर हैं। उन्होंने कहा कि हम परस्पर सुरक्षा चिंताओं के मुद्दों पर भूटान के साथ घनिष्ठ सहयोग बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।
2 comments