30 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ‘मेक इन यू0पी0’ को बढ़ावा देने का काम कर रही है

उत्तर प्रदेश

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में निवेश फ्रेण्डली वातावरण सृजन के लिए तेजी से काम रही है। राज्य सरकार ने सुधारात्मक कदम उठाते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया बल व नई दिशा प्रदान करने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश को लेकर उद्योग जगत में एक नया उत्साह एवं विश्वास उत्पन्न हुआ है। इसके परिणाम अब दिखाई भी पड़ने लगे हैं। विभिन्न क्षेत्रों हेतु नीति बनाने से लेकर आधारभूत सुविधा मुहैया कराने सहित कानून-व्यवस्था से लेकर कुशल कार्यबल विकसित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी आज यहां काॅन्फेडरेशन आॅफ इण्डियन इण्डस्ट्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों से देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के उद्यमियों एवं निवेशकों को एक सकारात्मक संदेश मिलेगा। इससे निवेश को बढ़ाने, रोजगार सृजित करने एवं विभिन्न परियोजनाओं के लिए सहयोगी चयनित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश में हुए बदलाव का लाभ यहां आने वाले निवेशकों के साथ-साथ यहां के नौजवानों, किसानों एवं पूरे देश को अवश्य मिलेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों, निवेशकों आदि से नए उत्तर प्रदेश के निर्माण तथा प्रदेश को देश का सर्वोत्तम राज्य बनाने में सहभागी बनने का आह्वान करते हुए योगी जी ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाला यह राज्य देश का सबसे बड़ा बाजार है। यदि बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जाए, तो ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि उत्तर प्रदेश में निवेशक न आएं। राज्य में नई औद्योगिक निवेश नीति एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू की गई है। साथ ही, विद्युत सहित सभी बुनियादी सुविधाओं की सुचारु आपूर्ति, सहयोगी कार्य बल एवं अच्छी कानून-व्यवस्था उपलब्ध कराने का काम भी किया जा रहा है। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति को काफी विचार-विमर्श एवं देश में उपलब्ध बेस्ट पै्रक्टिसेज को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस नीति में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं मेगा परियोजनाओं को पुनः परिभाषित करते हुए निवेश को रोजगार सृजन के साथ जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं पूर्वान्चल क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाली अथवा 500 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों, मध्यांचल एवं पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर एवं गाजियाबाद को छोड़कर) में 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली अथवा 750 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों तथा गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद जनपद में 200 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाली अथवा 01 हजार से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली इकाइयों को मेगा इकाई का दर्जा देते हुए विशेष प्रोत्साहन का प्राविधान किया गया है। राज्य सरकार ने सभी फोकस सेक्टरों हेतु अलग-अलग नीतियों को बनाकर लागू करने का निर्णय भी लिया है, जिससे प्रदेश का समग्र विकास करते हुए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

योगी जी ने कहा कि प्रदेश में पहली बार औद्योगिक पार्काें के विकास के लिए निजी क्षेत्र को आकर्षित करने हेतु कदम उठाया गया है। निवेशकों को निरंकुश अफसरशाही से बचाने के लिए कई अन्य निर्णय भी लिए गए हैं। निवेशकों को एक छत के नीचे समस्त सम्बन्धित विभागों से एन0ओ0सी0 प्राप्त करने के लिए आॅनलाइन सिंगल विण्डो पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इसकी निगरानी सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी। निवेशकों को अनावश्यक दौड़-धूप से बचाने एवं त्वरित निर्णय के लिए मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में एक राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में उद्योग के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करने की दिशा में और भी कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार से समन्वय स्थापित कर ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस के तहत काफी काम किया गया है। आगामी समय में ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस को लेकर प्रदेश की रैंकिंग में काफी सुधार होगा। विभिन्न प्रक्रियाओं के सरलीकरण के साथ-साथ वर्तमान नियमों एवं कानून में यथावश्यक संशोधन कर इन्हें व्यावहारिक बनाया जा रहा है। साथ ही, गैर जरूरी कानूनों को समाप्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है।
योगी जी ने कहा कि भारत सरकार की तर्ज पर प्रदेश सरकार ‘मेक इन यू0पी0’ को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसके तहत प्रयास किया जा रहा है कि देश में विनिर्माण के क्षेत्र में होने वाला अधिक से अधिक निवेश उत्तर प्रदेश में आए। ऐसी परियोजनाओं के सफल संचालन के लिए अलग से एक विभाग का गठन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों एवं निवेश का सीधा सम्बन्ध कानून-व्यवस्था से होता है। व्यापारी या उद्यमी हर जोखिम उठा सकता है, लेकिन कानून-व्यवस्था का जोखिम नहीं उठाना चाहता।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। प्रत्येक स्तर पर लगातार समीक्षा करते हुए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि उद्यमियों को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए मुख्य औद्योगिक क्लस्टर्स में एकीकृत फायर एवं पुलिस चैकी की व्यवस्था करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए अच्छी नीतियों के साथ-साथ उच्चकोटि की अवस्थापना सुविधाएं भी जरूरी हैं। इस दिशा में प्रदेश के सभी क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए सड़कों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देते हुए पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में नोएडा के पास जेवर में एक नया एयरपोर्ट विकसित किए जाने हेतु भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त हुआ है। प्रदेश सरकार इस एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए काम शुरु कर चुकी है।

योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विविधताओं से भरा बड़ा राज्य है। इसके सभी क्षेत्रों में एयर कनेक्टिविटी विकसित करने के लिए नई नागर विमानन नीति जारी की गई है। इससे प्रदेश में एयर सर्विस एवं एरोस्पेस क्षेत्र में बड़ा बाजार विकसित होगा। नगरों में आधुनिक एवं प्रदूषणरहित सार्वजनिक यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण नगरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। लखनऊ मेट्रो रेल 5 सितम्बर से संचालित होने जा रही है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार कानपुर, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, इलाहाबाद, झांसी शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का निर्णय ले चुकी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगरों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार स्मार्ट सिटी मिशन योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के 07 नगर-झांसी, अलीगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, आगरा एवं लखनऊ को शामिल किया गया है। राज्य सरकार इन नगरों को स्मार्ट बनाने के लिए आपसे सहयोग की अपेक्षा करती है। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि इस योजना के तहत सभी अपनी भागीदारी निभाने में अवश्य रुचि लेंगे।

भारत सरकार की दो महत्वाकांक्षी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर परियोजनाओं का जिक्र करते हुए योगी जी ने कहा कि इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भागीदारी है। गाजियाबाद स्थित दादरी से मुम्बई के जवाहर लाल नेहरू बन्दरगाह तक पहुंचने वाला वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर (डब्ल्यू0डी0एफ0सी0) प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस काॅरीडोर से राज्य से माल ढुलाई के समय में काफी कमी होगी। इस परियोजना के दोनों तरफ विकसित किए जा रहे दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारे से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इण्डस्ट्रियल टाउनशिप, दादरी में मल्टी मोडल लाॅजिस्टिक्स हब एवं बोडाकी में मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब का कार्य प्रगति पर है।

इसी प्रकार, ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट काॅरीडोर (ई0डी0एफ0सी0), जिसका 57 प्रतिशत हिस्सा हमारे प्रदेश से होकर गुजरेगा, पर भी तेजी से काम चल रहा है। ई0डी0एफ0सी0 के चारों तरफ बन रही ए0के0आई0सी0 योजना को केन्द्रित कर, उत्तर प्रदेश में दो नेशनल इन्वेस्टमेण्ट एण्ड मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन्स तथा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं तथा पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बुन्देलखण्ड की औद्योगिकी स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

योगी जी ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक पार्काें का विकास कर रही है। इन पार्काें की स्थापना से प्रदेश में उद्योगों को एकीकृत सुविधाएं तो प्राप्त होंगी, साथ ही उनकी दक्षता में भी सुधार होगा। उन्होंने जी0एस0टी0 को सभी के हित में बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े बाजार में अधिक से अधिक निवेश करें। क्योंकि यह प्रदेश एक आकर्षक उपभोक्ता बाजार होने के साथ-साथ यहां विशाल कार्यबल भी मौजूद है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम प्रदेश की जनसंख्या में मौजूद 60 फीसदी युवा आबादी के कौशल विकास के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष करीब 10 लाख तथा अगले 05 वर्षों में 70 लाख युवाओं का कौशल विकास कर हम उद्योगों को कुशल कामगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, उनके द्वारा अपना कारोबार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 01 हजार करोड़ रुपए के काॅर्पस फण्ड की भी व्यवस्था की जा रही है। आने वाले समय में राज्य सरकार इस मामले में सिडबी के साथ एम0ओ0यू0 साइन करेगी। प्रदेश सरकार पाॅलिसी इम्प्लीमेन्टेशन टीम का गठन भी करेगी। इससे बड़ी संख्या में स्टार्ट अप्स की शुरुआत होगी।

योगी जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों का सरलीकरण करते हुए विधान सभा से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार के पास अप्रूवल हेतु भेजा गया है। जैसे ही इनकी स्वीकृति प्राप्त होगी इन कानूनों को लागू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। इसके लगभग सभी जनपद अपने विशिष्ट उत्पाद के लिए जाने जाते हैं। राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की नीति पर चलते हुए इन जनपदों के विशिष्ट उत्पादों की वैश्विक पहचान स्थापित करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था सुधारने का युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है। अभी कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार ने 24ग7 पावर फाॅर आल के लिए केन्द्र सरकार के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मूलतः कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित करके यहां के मेहनती एवं प्रगतिशील किसानों के साथ-साथ प्रदेश के सभी नागरिकों की आमदनी में वैल्यू एडिशन किया जा सकता है। अभी हाल ही में राज्य सरकार द्वारा करीब 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के 01 लाख रुपए तक के फसली ऋण मोचित कर इन्हें सतत् विकास के लिए प्रेरित किया गया है। इस निर्णय से राज्य सरकार पर करीब 36 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार आया है। लेकिन प्रदेश सरकार के इस निर्णय से किसानों की क्रय शक्ति में वृद्धि होना निश्चित है। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नया आयाम स्थापित होगा और यह अधिक गतिशील बनेगी।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा सी0आई0आई0 के डायरेक्टर जनरल श्री चन्द्रजीत बनर्जी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More