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भारत सरकार ने आज आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड द्वारा प्रबंधित भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) लांच किया

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नई दिल्ली: भारत सरकार ने आज आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड द्वारा प्रबंधित भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) लांच किया। ईटीएफ का लक्ष्य 8000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि प्राप्त करना है। इस नए फंड का ऑफर 17 नवंबर, 2017 तक खुला है। योजना की 25 प्रतिशत यूनिट प्रत्येक श्रेणी के निवेशक को आवंटित की जाएगी। इस ईटीएफ में रिटायरमेंट फंड निवेशकों को अलग श्रेणी में है। विस्तार के मामले में खुदरा और रिटायरमेंट फंडों को प्राथमिकता देते हुए अतिरिक्त भाग का आवंटन किया जाएगा। सभी निवेशकों के लिए 3 प्रतिशत का डिस्काउंट होगा।

इस ईटीएफ की शक्ति विशेष रूप से बनाया गया सूचकांक एसएंडपी बीएसई भारत-22 सूचकांक में निहित है। यह सूचकांक सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों का अनोखा मिश्रण है और सरकार ने विश्वसनीय निजी कंपनियों जैसे – लारसन एंड ट्यूबरो, एक्सिस बैंक तथा आईटीसी के शेयर खरीदे हैं। सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के 6 क्षेत्रों – वित्त, उद्योग, ऊर्जा, उपयोगिता, उपभोक्ता सामान तथा बुनियादी सामग्रियों – में शेयर लिए गए हैं। यह सामंजस्य सूचकांक को व्यापक और विविध बनाता है।

क्षेत्र और स्टॉक सीमा जोखिम प्रबंधन में सहायक है और सघनता में कमी लाती है। इससे सूचकांक को स्थिरता मिलती है। इस सूचकांक की शक्ति अगस्त, 2017 में इसके लांच किए जाने के बाद से ही इसके कार्य प्रदर्शन में दिखने लगी और यह सूचकांक निफ्टी-50 तथा सूचकांक से आगे निकल गया। सूचकांक घटकों में महारत्न और नौरत्न कंपनियां हैं जैसे – कोल इंडिया, गेल, पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कारपोरेशन, तेल और प्राकृतिक गैस (ओएनजीसी), भारत पेट्रोलियम तथा राष्ट्रीय एलुमिनियम कंपनी (नालको), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक – भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा और उपरोक्त तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां।

भारत सरकार अनेक आर्थिक कार्यक्रम चला रही है इससे इन क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है।

निम्नलिखित प्रमुख सुधारों से बाजार विशेषज्ञों को आशा है कि अर्थव्यवस्था में विकास होगा और ईटीएफ स्टॉक से लाभ होगा।

वित्त : दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016, डिजिटल और नकदी रहित अर्थव्यवस्था, बीमा कंपनियों की सूचीबद्धता, बैंकों का फिर से पूंजीकरण तथा वस्तु और सेवा कर (जीएसटी)।

वाणिज्य : भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का उदारीकरण

तेल : एलपीजी सब्सिडी का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, ईंधन का दैनिक मूल्य निर्धारण, सरकारी तेल कंपनियों की मजबूती।

ऊर्जा : भारत की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को पुनर्जीवित करने के लिए पैकेज

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