नई दिल्लीः केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत 2020 तक रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। कैबिनेट ने रेशम उद्योग के विकास के लिए एकीकृत योजना को मंजूरी दी है। इससे 2020 तक उच्च स्तरीय रेशम (विवोल्टाइन) के उत्पादन में 62 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। मंत्री महोदया ने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य रेशम प्रक्षेत्र में कार्यरत 85 लाख लोगों की संख्या को बढ़ाकर अगले तीन वर्षों में एक करोड़ करना है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 50,000 लोगों की प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। श्रीमती इरानी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत संबंधित मंत्रालयों की एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की जाएगी, जो शोध और विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि संवितरित करेगी।
बीज उत्पादन इकाइयों को उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी और उन्हें सुदृढ़ किया जाएगा। उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि वे भविष्य में रेशम की बढ़ती मांग को पूरा कर सकें। मंत्री महोदया ने कहा कि डिजिटल इंडिया के अंतर्गत बीज उत्पादन तथा अन्य गतिविधियों में संलग्न किसानों को वेब आधारित समाधान उपलब्ध कराए जायेंगे। किसान और बीज उत्पादकों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये सब्सिडी का सीधा भुगतान किया जाएगा।
मंत्री महोदया ने बताया कि बाजार विकास एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है और देश के प्रमुख रेशम उत्पादक राज्यों में 21 कोकून परीक्षण केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इसके अतिरिक्त, उन्नत किस्मों के लिए 19 मूलभूत रेशम बीज प्रक्षेत्रों, 20 रेशम कीट बीज उत्पादन केंद्रों, 131 चॉकी पालन केंद्रों तथा 500 एकड़ भूमि अलग से रखे जा रहे हैं।
एकल किसानों एवं रेशम उत्पादकों द्वारा अवसंरचना विकास की केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय रूप से सहायता की जाएगी जो लागत का 50 प्रतिशत वहन करेगी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित लाभार्थियों के लिए केंद्र सरकार लागत का 65 प्रतिशत वहन करेगी। पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ के लाभार्थियों के मामले में केंद्र सरकार लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी। शिकायतों के समय पर समाधान एवं लोकसंपर्क कार्यक्रमों के लिए एक हेल्पलाइन की स्थापना की जाएगी।
श्रीमती इरानी ने बताया कि राज्य सरकारों से योजना के कार्यान्वयन में भाग लेने का आग्रह किया गया है क्योंकि देश के रेशम उत्पादन को बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्री महोदया ने कहा कि 26 रेशम उत्पादक एवं उपभोग राज्यों में से केवल 17 के पास ही अलग विभाग या रेशम कीट पालन निदेशालय है।