नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 1220.93 करोड़ रुपये के व्यय से 31.12.2018 तक असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, 1951कीअद्यतनीकरण योजना के संशोधित लागत अनुमानों को मंजूरी दे दी है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, 1951 योजना असम राज्य के लिए है, जिसमें 3.29 करोड़ आवेदनकर्ता शामिल हैं।
लाभ
इससे असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को तैयार करने में मदद मिलेगी।राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को प्रकाशित करने की प्रस्तावित आखिरी तारीख 31 दिसम्बर, 2018 है। असम केराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का आंशिक मसौदा 31 दिसम्बर, 2017 को प्रकाशित किया गया था, जिसमें 3.29 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 1.90 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था। इनमें उन लोगों के नाम भी शामिल थे, जोसत्यापन की समूची प्रकिया पूरी कर चुके हैं।
शेष आवेदनकर्ता जो जांच की विभिन्न अवस्थाओं में हैं, उनका सत्यापन और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का सम्पूर्ण मसौदा 30.06.2018 तक प्रकाशित किया जाएगा। जिसके बाद दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी और उनका निपटारा करने के साथ ही अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टरप्रकाशितकिया जाएगा।
विवरण
- असम केराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टरका अद्यतनीकरण नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करने) नियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। इसमें उन लोगों के नाम और उनके वंश शामिल होंगे, जिनके नाम 24 मार्च, 1971 की आधी रात तक किसी भी मतदाता सूची मेंअथवा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, 1951में हैं।
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में अपने नाम दर्ज कराने के लिए 2015 में 6.63 करोड़ दस्तावेजों के साथ 29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर प्रत्येक आवेदनकर्ता के क्षेत्र और दस्तावेजों का सत्यापन किया गया।
कार्यान्वयन की रणनीति और लक्ष्य :
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अद्यतनीकरण का वास्तविक कार्यान्वयन वैधानिक प्राधिकारों यानी स्थानीय रजिस्ट्रारों और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा किया जाएगा। राज्य सरकार का एक वरिष्ठ अधिकारी राज्य समन्वयक के रूप में कार्य करेगा और विभिन्न गतिविधियों के संबंध में आरजीआई/भारत सरकार के साथ सहयोग करेगा।
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अद्यतनीकरण का कार्य नागरिक पंजीकरण के महापंजीयक की निगरानी और नियंत्रण में किया जाएगा। प्रशासनिक और संचालन संबंधी मामलों को राज्य सरकार उनके वर्तमान नियमों के अनुसार देखेगी।
प्रमुख प्रभाव :
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टरतैयार करने का कार्य नागरिकों को बड़े पैमाने पर शामिल करने का कार्य है, जो असम के प्रत्येक निवासी को शामिल करता है। यह असम समझौते को पूरा करने और प्रधानमंत्री के स्तर पर 2005 में हुई त्रिपक्षीय बैठक में बनी सहमति का हिस्सा है। असम केराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मेंवास्तविक भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होंगे और इससे सरकार को भारत में गैर कानूनी तरीके से प्रवेश को रोकने में मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि :
असम केराष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में भारतीय नागरिकों के नाम शामिल हैं। इसे 1951 की जनगणना के दौरान गिनती किये गये सभी लोगों का विवरण दर्ज करके गैर-संविधिक प्रक्रिया के रूप में 1951 में तैयार किया गया था। अवैध विदेशियों के खिलाफ असम आंदोलन (1979-85) के कारण केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, अखिल भारतीय छात्र संघ (एएएसयू) और अखिल असम गण संग्राम परिषद (एएजीएसपी) के बीच 15 अगस्त, 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर किये गये, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) से गैर कानूनी तरीके से प्रवेश करने वालों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के लिए 24 मार्च, 1971 की अंतिम तिथि निर्धारित की गई। तदनुसार नागरिकता कानून, 1955 में संशोधन किया गया और इसमें असम के लिए विशेष प्रावधानों के रूप में अनुच्छेद 6ए को शामिल किया गया।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मई, 2005 में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और एएएसयू के बीच त्रिपक्षीय बैठक में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, 1951 के अद्यतनीकरण पर सहमति बनी। असम सरकार के साथ सलाह-मशविरा करके सरकार ने इसके तौर-तरीकों को मंजूरी देदी है।
उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए, असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टरके अद्यतनीकरण का कार्य दिसम्बर, 2013 में शुरू हुआ, जिसे तीन वर्ष में पूरा किया जाना था। उच्चतम न्यायालय लगातार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अद्यतनीकरण की प्रगति पर निगरानी रखे हुए है और समय-समय पर विभिन्न निर्देश देता रहता है।