नई दिल्ली: देश में स्वास्थ्य सेवा संरचना के विस्तार को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) को12वीं पंचवर्षीय योजना से आगे 2019-20 तक जारी रखने की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 14,832 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन है। इस योजना के अंतर्गत नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए जा रहे हैं और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को उन्नत बनाया जा रहा है।
उद्देश्यः
केन्द्रीय क्षेत्र की योजना पीएमएसएसवाई का उद्देश्य सामान्य रूप से देश के विभिन्न भागों में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की उपलब्धता में असंतुलन को ठीक करना और विशेष रूप से अपर्याप्त सेवा सुविधा वाले राज्यों में गुणवत्ता संपन्न चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को मजबूत बनाना है।
प्रभावः
नए एम्स की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशिक्षण में बदलाव आएगा बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के पेशवर लोगों की कमी दूर होगी। नए एम्स का निर्माण पूरी तरह केन्द्र सरकार के धन से किया जाएगा। नए एम्स का संचालन और रख-रखाव भी पूरी तरह केन्द्र सरकार द्वार वहन किया जाएगा।
उन्नयन कार्यक्रम में व्यापक रूप से सुपर स्पेशिऐलिटी ब्लॉकों/ट्रामा सेंटरों आदि के निर्माण के माध्यम से स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार करना और केन्द्र तथा राज्य की हिस्सेदारी के आधार पर वर्तमान तथा नई सुविधाओं के लिए चिकित्सा उपकरणों की खरीद करना है।
रोजगार सृजनः
विभिन्न राज्यों में नए एम्स की स्थापना से विभिन्न एम्स की फैकल्टी और गैर-फैकल्टी पदों के लिए लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। एम्स के आस-पास शॉपिंग सेंटर, कैन्टीनों आदि की सुविधाओं और सेवाओं से अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार का सृजन होगा।
चयनित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उन्नयन का कार्यक्रम केन्द्र सरकार की सीधी देख-रेख में भारत सरकार द्वार नियुक्त एजेंसियों द्वार चलाया जाता है। संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा इन मेडिकल कॉलेजों में नियमों के अनुसार स्नात्तकोत्तर सीटें और अतिरिक्त फैकल्टी पद सृजित किए जाएंगे और भरे जाएंगे।
नए एम्सके लिए अवसंरचना सृजन में शामिल निर्माण गतिविधि तथा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन में कार्य निर्माण के चरण में ठोस रोजगार सृजन होने की भी आशा है।
पृष्ठभूमिः
पीएमएसएसवाई की घोषणा 2003 में की गई थी। इसका उद्देश्य सामान्य रूप से देश के विभिन्न भागों में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की उपलब्धता में असंतुलन को ठीक करना और विशेष रूप से अविकसित राज्यों में गुणवत्ता संपन्न चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को मजबूत बनाना है। पीएमएसएसवाई के दो घटक हैं:
- एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना तथा
- राज्य सरकार के वर्तमान मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन
पीएमएसएसवाई के अंतर्गत परियोजनाएं:
पीएमएसएसवाई के विभिन्न चरणों में शुरू की गई विभिन्न परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
चरण और बजट में घोषित वर्ष | एएचएमएस जैसे संस्थान | राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन |
फेस-I (2006) | भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश (06 एम्स) | 13 मेडिकल कॉलेज |
फेस-II (2009) | पश्चिम बंगाल में एम्स (चरण-IV में भेजा गया) तथा रायबरेली, उत्तर प्रदेश (01 एम्स) | 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज |
फेस-III (2013) | कोई नया एम्स नहीं | 39 सरकारी मेडिकल कॉलेज |
फेस-IV (2014-15) | पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल (04 एम्स) | 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज |
फेस-V (2015-16) | जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, असम, बिहार (07 एम्स) | शून्य |
फेस-V(ए) (2016-17) | शून्य | मंत्रालय ने आईएमएस,बीएचयू में सुपर स्पेस्लिटी ब्लॉक तथाश्रीचित्र इंस्टीट्यूट फोर मेडिकल सांइसेज एंड टेक्नोलॉजी, केरल (02) |
फेस-VI (2017-18) | गुजरात और झारखंड (02 एम्स) | शून्य |
कुल | 20 एम्स | 73 उन्नयन परियोजनाएं |