नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मेसर्स आईटीआई लिमिटेड को इजाजत देने के लिए दूरसंचार विभाग के निम्नलिखित प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है :
- नई परियोजनाओं के लिए कार्यशील पूंजी जुटाने, ऋण दायित्वों को कम करने और सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सेबी की न्यूनतम 25 प्रतिशत की जरूरत को पूरा करने के लिएसेबी के नियमों और शर्तों के अनुसार घरेलू बाजार में एक और पब्लिक इश्यू (एफपीओ) आधारित संभावनाओं के जरिए आम जनता के लिए 18 करोड़ के ताजा इक्विटी शेयरों की पेशकश
- डीपीई के दिशा निर्देशों और आईसीडीआर नियम 42 के अनुसार आईटीआई के कर्मचारियों को एफपीओ दिया जाएगा, जो ताजा शेयरों में उससे अधिक 5 प्रतिशत रिजर्व होंगे।
- आईसीडीआर नियम 29 के अनुसार खुदरा निवेशकों के साथ-साथ कर्मचारियों को 5 प्रतिशत तक छूट की पेशकश।
- कंपनी को सलाह देने और प्रस्तावित लेन-देन में सहायता के लिए सलाहकार (सलाहकारों) का चयन और नियुक्ति।
- इश्यू के दौरान शेयरों के लिए निवेशकों की मांग को दर्ज करने के लिए मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति और मर्चेंट बैंकरों की सहायता से सेबी के नियमों और शर्तों के अनुसार प्रक्रियाओं का पालन।
लाभान्वितों की संख्या :
एफपीओ कंपनी को आवश्यक कार्यशील पूंजी प्रदान करेगा और उसे आदेशों को समय पर अमल में लाने में मदद मिलेगी, बदले में वर्तमान रोजगार को बचाने और खासतौर से नई दूरसंचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कंपनी में रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य :
मैसर्स आईटीआई लिमिटेड सेबी की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की जरूरत को पूरा करने के लिए सेबी के नियमों और शर्तों के अनुसार घरेलू बाजार में एफपीओ के जरिए आम जनता के लिए ताजा इक्विटी शेयरों की आवश्यक संख्या की पेशकश करेगी।
प्रमुख प्रभाव :
मैसर्स आईटीआई लिमिटेड सेबी की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी जरूरत को पूरा कर सकेगी और अपनी कार्यशील पूंजी में सुधार ला सकेगी।
पृष्ठभूमि :
मैसर्स आईटीआई लिमिटेड दूरसंचार विभाग के संचार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यम सूचीबद्ध अनुसूची ‘’ए’’ है। कंपनी रक्षा संचार और नेटवर्क जरूरतों की आपूर्ति करता है और भारतीय सेना के एनक्रिप्शन उत्पादों की एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। इसके प्रमुख ग्राहक बीएसएनएल, एमटीएनएल, रक्षा, अर्धसैनिक बल और राज्य सरकारें हैं। आईटीआई की बंगलूरू (कर्नाटक), रायबरेली, नैनी और मनकापुर (सभी उत्तर प्रदेश में), पलक्कड़ (केरल)और श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) में छह निर्माण इकाइयां है।
कंपनी की निर्गमित और अभिदत्त इक्विटी पूंजी 31.12.2017 को 760 करोड़ रूपए (अंकित मूल्य प्रत्येक दस रूपये के इक्विटी शेयर का 76 करोड़) है, जिसमें 92.59 प्रतिशत इक्विटी यानि 70,36,87500 शेयर सरकार के हैं।