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मंथन सभागार में वन विभाग की समीक्षा करते हुएः वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत

मंथन सभागार में वन विभाग की समीक्षा करते हुएः वन मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में मा वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅहरक सिंह रावत द्वारा वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा से सम्बन्धित वन विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित कार्यों/योजनाओं तथा भविष्य में किये जाने वाले कार्यक्रामों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करने हेतु प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, तत्पश्चात विभागीय अधिकारियों तथा कार्मिकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।

मा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान बड़े पर्यावरण रक्षक की है, यहां जंगल, अभ्यारणीय, पार्क, ताल, झील आदि के रूप में बड़े पैमाने पर भूमि पर्यावरण के हित को समर्पित है तथा वनाग्नि की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने वनाग्नि को प्राकृतिक आपदा के रूप में लिया है जिससे सभी सरकारी/गैर सरकारी विभागों की मशीनरी के साथ-2 स्थानीय लोगों की सहभागिता भी सुनिश्चत की जा सके। उन्होने कहा कि वन्यजीवों को राज्य की सीमा से बाहर जाने से रोकने तथा स्थानीय लोगों तथा फसलों को नुकसान से बचाने के लिए अन्तर्राज्यीय सीमा तथा आबादी वाले स्थानों पर फेसिंग, दीवार निर्माण, तारबाड़ आदि के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि वन्यजीवों को तस्करों से सुरक्षित रखने तथा मानव वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए यूरोप, अफ्रीका तथा अन्य विदेशी तकनीक अपनाई जायेगी तथा मानव व फसल की हानि की स्थिति में मुआवजा राशि को अधिक यथार्थ बनाया जायेगा।

इसके पश्चात माननीय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए निर्देश दिये कि विभाग के वित्तीय व मानव संशाधन बढाने पर कार्य किया जाये, जिसके लिए वर्ककिंग विंग तथा रिसर्च विंग पर विस्तार पूर्वक कार्य योजना तैयार की जाये। उन्होने विभागीय पदौन्नति तथा शासन स्तर पर प्रमोशन की प्रक्रिया को डी.पी.सी के माध्यम से तेजी से कार्य करने के साथ ही कार्यप्रणाली में इनोवेशन तथा वैज्ञानिक प्रक्रिया को अपनाने के निर्देश दिये। उन्होने ऐसे बहुपयोगी पौधों का वृक्षारोपण करने के निर्देश दिये, जो विभिन्न तरीकों से पर्यावरण के लिए सार्थक भूमिका निभाते हों तथा वन तथा वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-2 विकास को बढावा देने के लिए तात्कालीक तथा दीर्घकालीक नीति/कार्ययोजना बनाकर उसे धरातल पर उतारने हेतु कार्य करने के निर्देश दिये।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक राजेन्द्र महाजन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव दिग्विजय सिंह खाती, जायका के मुख्य परियोजना निर्देशक अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक मुख्यालय रंजना काला, वन संरक्षक डाॅ सी.के कविदयाल सहित वन विभाग के अधिकारी/कार्मिक उपस्थित थे।

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