इस बार मकर संक्रान्ति रविवार को पड़ रही है। चूंकि रविवार सूर्य देव को समर्पित दिन है, इसलिए इस साल की मकर संक्रांति खास हो गई है। यह योग 17 वर्ष बाद बन रहा है।
अखिल भारतीय वेद प्रचार परिषद के निदेशक पंडित शिवशंकर बाजपेयी के अनुसार 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पुण्य काल सुबह 7.21 बजे से शाम 5.49 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि जब सूर्य मकर राशि पर होकर उत्तरायण हो जाता है तो संक्रान्ति का पर्व मनाया जाता है।
पंडित बाजपेयी ने बताया कि मकर संक्रान्ति के दिन रविवार को दोपहर 1.47 बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु मलमास समाप्त हो जायेगा। सूर्य उत्तरार्ध में आ जायेगा। दिन की अवधि बढ़ने तथा रात की अवधि घटने लगेगी। उन्होने बताया कि 17 दिसम्बर से शुक्र अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य नहीं प्रारम्भ होंगे। 22 जनवरी को बसंत पंचमी का अबूझ सावा होने के कारण इस दिन वैवाहिक, मांगलिक शुभ कार्य होंगें। 3 फरवरी को सुबह7.30 मिनट पर पश्चिम दिशा में शुक्र तारा उदय होने के बाद मांगलिक कार्यक्रम प्रारम्भ हो जायेंगे।
उन्होने बताया मकर संक्रान्ति पर मेष व वृश्चिक राशि के लिए लाल कम्बल, लाल मिठाई व खिचड़ी, वृष तुला के लिए सफेद कम्बल,सफेद मिठाई व खिचड़ी, मिथुन व कन्या के लिए हरा कम्बल, हरा चारा गाय को खिलाना, एवं खिचड़ी, कर्क के लिए सफेद कम्बल, दूध दही व खिचड़ी, सिंह के लिए गुलाबी कम्बल, गुलाबी मिठाई व खिचड़ी, धनु व मीन के लिए पीला कम्बल, पीली मिठाई व खिचड़ी के साथ मकर व कुंभ के लिए काला कम्बल, काला गुलाब जामुन व खिचड़ी का दान सर्वोत्तम रहेगा। सुबह स्नान करके ताबें के कलश में गंगा जल, गुड़, रोली,चावल, फूल, 2 लौंग, 2 इलायची डाल कर सूर्य को अर्ध्य देना विशेष फलदायी रहेगा।
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