देहरादून: उत्तराखण्ड विधि संहिता, 2017 का ई-विमोचन राजभवन के प्रेक्षागृह में राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संयुक्त रूप से किया।
प्रस्तुत संहिता में दिनांक 8.11.2000 तक की पूर्ववर्ती राज्य की कुल 306 विधियां दिनांक 09.11.2000 से 07.05.2017 तक उत्तराखण्ड के संशोधन और नये विधेयक 345 कुल 651 विधेयक सम्मिलित किए गए हैं।
राज्यपाल ने राज्य सरकार के विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग एवं विधायी प्रकोष्ठ के सतत् प्रयासों से तैयार उत्तराखण्ड विधि संहिता के ई प्रारूप बनाये जाने को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वूपर्ण कदम है। राज्यपाल ने विधायी विभाग के मंत्री प्रकाश पंत व विभागीय अधिकारियों के इस प्रयास को सराहनीय बताया।
राज्यपाल ने ई-विधि संहिता को उत्तराखण्ड के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र के वासियों तक पहुँचाने के लिए इन स्थानों पर इन्टरनेट कनेक्टिविटी को निर्बाध रूप से पहुँचाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उत्तराखण्ड वासी को जागरूक नागरिक बनाने के लिए ई-विधि संहिता को आम जन तक पहुँचाना होगा। इसके लिए सरकार को समस्त उत्तराखण्ड में इन्टरनेट संचार की व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा। राज्यपाल ने ई-विधि संहिता का पुस्तक के रूप में प्रकाशन कराने के बाद प्रत्येक जिला मुख्यालयों व शासकीय कार्यालयों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने की भी जरूरत बतायी।
ई-विधि संहिता के विमोचन अवसर पर उपस्थित मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी राज्य में सशक्त विधि व्यवस्था व राज्य के प्रत्येक नागरिक की विधिक अधिकारों की जानकारी को महत्वपूर्ण बताते हुए सरकारी प्रिटिंग प्रेस के माध्यम से विधि संहिता को प्रकाशित कराये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने ई-विधि संहिता को शीघ्र ही विधि विभाग की वेबसाइट पर डाले जाने को भी आवश्यक बताया।
इस अवसर पर विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत, मसूरी विधायक गणेश जोशी, विधायक मदन लाल शाह एवं सदस्य न्यायिक, लोक सेवा राम सिंह विधि परामर्शी राजभवन श्री रमेश चन्द्र खुल्वे, विधि परामर्शी आलोक वर्मा, अपर विधि परामर्शी महेश कौशिर्वा, संयुक्त विधि परामर्शी रितेश श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।