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मण्डलायुक्त ने की धान क्रय केन्द्रों की समीक्षा

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

अलीगढ़: मण्डलायुक्त श्री सुभाष चन्द शर्मा ने मण्डलायुक्त सभागार में धान क्रय केन्द्रों की समीक्षा में पाया कि अब तक मात्र 1195 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया गया है जो निर्धारित लक्ष्य 38,380 मीट्रिक टन का लगभग 3 प्रतिशत है, कुछ धान क्रय केन्द्रों पर खरीद न किये जाने पर 7 धान क्रय केन्द्रों के प्रभारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश के साथ ही अलीगढ़, हाथरस एसएफसी के जिला प्रभारी श्री मोहम्मद अहमद का स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुये उनके विरूद्ध अनुशसानात्मक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव खाद्य को पत्र निर्गत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अगली बैठक 28 नवम्बर को की जायेगी इस दौरान लक्ष्य का 25 प्रतिशत धान क्रय किया जाना लाजमी है लक्ष्य प्राप्त न करने वाले क्रय केन्द्रों के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये सम्बन्धित विभाग के अधिकारी के भी विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

श्री शर्मा ने समीक्षा में पाया कि मण्डल में मार्केटिंग के 17 केन्द्रों का लक्ष्य 6100 मीट्रिक टन है जबकि एसएफसी के 5 केन्द्रों को 16000 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है तथा यूपी एग्रो के 3 केन्द्रों के लिये 6000 मीट्रिक टन धान क्रय का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें विषमता है। उन्होंने अपर आयुक्त श्री के0 के0 सिंह को निर्देश देते हुये कहा कि लक्ष्य में समानता लाने के लिये सभी जिलाधिकारियों को पत्र निर्गत किया जाये।

उन्होंने सभी धान क्रय केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सभी क्रय केन्द्रों पर बोरे एवं चेक की व्यवस्था एडवांस में रखी जाये ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि शासन के निर्देषानुसार धान क्रय करने के 72 घण्टे के अन्दर धनराशि किसानों के खाते में पहुॅच जाये साथ ही धान क्रय की प्रतिदिन आनलाइन फीडिंग भी की जाये।

मण्डलायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक किसानों से धान क्रय कर उन्हें लाभान्वित करने के निर्देश शासन से प्राप्त हैं इसमें किसी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। धान क्रय को बढ़ाने हेतु सम्बन्धित अधिकारी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर लक्ष्य की पूर्ति करें।

उन्होंने कहा कि मण्डी समितियों में किसान अपना धान 1200 से 1350 रू0 प्रति कुन्तल की दर से बेच रहे हैं जबकि शासन द्वारा कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1550 रू0 एवं ए ग्रेड के धान का मूल्य 1590 रू0 निर्धारित करते हुये किसानों को धान का अधिक मूल्य दिया जा रहा है तो वह क्रय केन्द्रों पर अपना धान क्यों नहीं बेच रहे हैं इसमें अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर झलक रही जो क्षम्य नहीं होगी।

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