लखनऊ: दिनांक 16 फरवरी, 2015, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अरूण सिंघल ने बताया कि बायो वेस्ट के उपयोग व बायोगैंस उत्पन्न करने की व्यवस्था की जा रही है। मनरेगा योजना के अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्य के अन्तर्गत कनवर्जेन्स पर बायो गैस बेस्ट प्लान्ट निर्मित कर साॅलिड, लिक्विड वेस्ट मैटेरियल का ट्रीटमेन्ट किये जाने के सम्बन्ध में मनरेगा मार्ग निर्देशिका 2013 के संशोधित कार्यवाही कर की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए श्री सिंहल ने बताया कि ग्राम पंचायते वर्ष 2015-16 के लेबर बजट कार्य योजना में इस कार्य को करने हेतु जिन ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग/यूनीसेफ द्वारा साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के तहत धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। वहाँ पर कार्य योजना बनाते समय मनरेगा योजनान्तर्गत कनवर्जेन्स की कार्य योजना बनायेगे। उन्होंने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग/यूनीसेफ द्वारा धनराशि उपलब्ध नही करायी गयी है, वहाँ मनरेगा योजना के तहत इस कार्य को कार्ययोजना में सम्मिलित करेंगे। उन्होंने यह निर्देशित करते हुए कहा कि सम्बन्धित अधिकारी उक्त निर्देश को सुनिश्चित कराते हुए कार्य योजना ग्राम्य विकास आयुक्त को उपलब्ध करायेगा।
प्रमुख सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए बताया कि राज्य समन्वयक बायों इनर्जी मिशन सेल से इस कार्य हेतु सर्वप्रथम माॅडल स्टीमेंट प्राप्त करते हुए समस्त ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराना सुनिश्चिक करें, जिससे कार्य योजना बनाते समय पंचायतें उक्त परियोजना के चयन पर विचार कर सकें। साथ ही बी0ई0एम0सी0 यूनीसेफ माॅडल बायोगैस प्लांट के समबंध में राज्य समन्वयक बायो इनर्जी मिशन सेल समन्वय स्थापित कर समस्त मुख्य विकास अधिकारियों/संयुक्त आवास आयुक्तों की मासिक समीक्षा बैठक में उक्त प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण करायेंगे। समस्त मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा प्राप्त कार्य योजना को अग्रतर कर कार्यवाही करेंगे।