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महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले भरोसे के बाद वापस लौटने को तैयार हुए आंदोलनरत किसान

देश-विदेश

नासिक से शुरू हुई किसानों की 200 किलोमीटर की पैदल चलकर मुंबई में डंटा हुआ है। किसानों ने सोमवार को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया था। महाराष्ट्र सरकार और किसानों के बीच तीन घंटे की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों की सभी मांगे मानने का भरोसा दिया है। वहीं फडणवीस सरकार के लिखित आश्वासन देने पर किसानों ने आंदोलन वापस लेने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगले 6 महीने में किसानों के मुद्दे सुलझा लेंगे।

विधानसभा में महाराष्ट्र सराकार और किसान प्रतिनिधि मंडल के बीच बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुख्यमंत्री ने कहा था कि मांगे मामने के लिए 6 मंत्रियों की कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी किसानों की समस्या पर विचार करेगी।

इससे पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि किसानों की मांग को लेकर मंत्रियों की समिति और कई प्रतिनिधियों के साथ चर्चा होगी और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह किसानों के लिए सकारात्मक होगा। उन्होंने आगे ये भी कहा कि किसानों की मांगों पर एक समयसीमा भी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को 1 बजे मिलने के लिए बुलाया गया है।

वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि यह सिर्फ महाराष्ट्र के किसानों का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे भारत के किसानों का मुद्दा है। किसानों के मुद्दे को कांग्रेस के अलावा शिवसेना और एमएनएस समर्थन मिला है। मोर्चे के मुंबई पहुंचने पर शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे ने किसानों को संबोधित किया।

आपको बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अखिल भारतीय किसान सभा की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से शुरू हुआ था और मुंबई के लिए निकला था। इस मार्च के जरिए किसान अपनी कई मांगों को रख रहे हैं। किसानो के अनुसार फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज माफी का वादा अब तक पूरा नहीं है।

इस मार्च से जुड़ी 10 बातें

1.सरकार ने किसानों से बात करने के लिए कैबिनेट मंत्री गिरिश महाजन को भेजा। मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार किसानों की मांगो को लेकर सकारात्मक है। महाजन ने इस मुलाकात के बाद कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ किसानों की मुलाकात होने वाली है। किसानों के प्रमुख और कार्यकारणी सदस्य मुख्यमंत्री से मिलेंगे और मुझे लगता है कि दोनो पक्ष एक सकारात्मक मत पर राजी होंगे। साथ ही किसानों की समस्या का हल निकलेगा।

2.सराकार की ओर से कहा गया कि वे किसानों से मिलकर उनकी हर मांग को मानने को तैयार है। जबकि किसान नेताओं का कहना है कि सरकार किसानों से बात कर केवल अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही है।

3. प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, ”हम उनसे बात करेंगे और उनके मुद्दों को सुलझाएंगे। सरकार उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक है। अधिकांश आंदोलनकारी आदिवासी हैं और उनकी मुख्य मांग वन भूमि पर अधिकार है।”

4.साथ ही मुख्यमंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों से शहर में यातायात में बाधा न पहुंचाने की भी अपील की ताकि शहर में दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर जाने में परेशानी न हो।

5.किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मुंबई में दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं को सोमवार को परीक्षा केंद्रों पर जल्द पहुंचने की भी सलाह दी है।

6.वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया किसान सभा के सदस्‍य डॉ. आर रामकुमार के अनुसार, ‘सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनकी नीतियां गलत हैं, जिसकी वजह से किसान संकट में हैं और दूसरी बात लोग किसानों से जुड़कर सिर्फ अपना नाम बनाना चाहते हैं।’

7.रविवार को मुंबई पहुंचने के बाद किसान सायन के सोमैया मैदान में ठहरे। बीजेपी को छोड़कर लगभग हर पार्टी ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है।

8.जन किसान आंदोलन के योगेन्द्र यादव कहते हैं कि किसानों की मांगें वही हैं, जिसका वादा फडणवीस सरकार ने किया है। कर्ज माफी, फसल का उचित न्यूनतम दाम और दलित समुदाय के लोगों को दी गई जमीन के पट्टे देना, महाराष्ट्र सरकार का ही वादा है।

9.किसानों का विरोध अलग-अलग राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। फिर चाहें हरियाणा विधान सभा का घेराव हो या तमिलनाडु के किसानों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर चला लंबा विरोध प्रदर्शन।

10. बताया जा रहा है कि आज दोपहर 2 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मिल सकते हैं।

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हिन्दुस्तान

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