हल्द्वानी: महिलाओं में हृदय रोग का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में हर साल हर तीन में से एक महिला की मौत हृदय रोग और आघात के चलते होती है, यानी हर 80 सेकेंड में लगभग एक महिला की जान चली जाती है। इसके अतिरिक्त, लगभग 90 फीसदी महिलाओं में हृदय रोग या स्ट्रोक के लिए एक या इससे अधिक रिस्क फैक्टर यानी जोखिम वाले कारक हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।
श्रीराम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दवा विभाग के प्रमुख और सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीप चंद्र पंत ने कहा, हृदय रोग के लिए पारंपरिक जोखिम कारकों में उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और मोटापा शामिल हैं। हालांकि, महिलाओं में हृदय रोग बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ विशेष जोखिम कारकों में मधुमेह, मानसिक तनाव और अवसाद, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, रजोनिवृत्ति, टूटे हुए दिल यानी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं शामिल हैं। महिलाओं में हृदय रोग में जीवनशैली के कारक भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उच्च संतृप्त वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों की अधिक खपत, सब्जियों और साबुत अनाज का कम सेवन, गतिहीन जीवन शैली और बढ़ता तनाव स्तर कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो महिलाओं के दिल की सेहत में गिरावट के लिए मुख्य भूमिका निभाते हैं।
डॉ. पंत ने आगे कहा, महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने के कुछ संभावित चेतावनी लक्षणों में छाती के दर्द जैसे नियमित लक्षण होते हैं। हालांकि, बड़ी उम्र की महिलाओं में थकान, सांस धीमी होना, अपच, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या मतली, जबड़े या गले में दर्द, हाथ में दर्द, बाएं, सीधे या छाती के बीच में दर्द जैसी समस्या सामने आ सकती है। ज्यादातर महिलाएं इन लक्षणों और दर्द की अनदेखी करती हैं, जो कि दिल के दौरे के संभावित संकेत हैं। विश्व हृदय दिवस पर, इन जोखिम कारकों और लक्षणों के बारे में महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्हें बताना होगा कि जैसे ही वे किसी असामान्य दर्द का अनुभव करें, उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
महिलाओं में हृदय रोग को रोकने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं-
धूम्रपान छोडें-
सेहत के लिए हानिकारक इस आदत को छोड़ने में देर नहीं करनी चाहिए। धूूम्रपान छोड़ने से रक्तचाप को कम करने, रक्त परिसंचरण में सुधार और ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने में मदद मिलती है।
स्वस्थ खाएं: वह भोजन खाएं जिसमें संतृप्त वसा, ट्रांस फैट, और सोडियम कम मात्रा में हो। बहुत सारे फल और सब्जियां, फाइबर युक्त अनाज, मछली, मूंगफली, फलियां और बीज खाएं। मांस के बिना भी भोजन खाने का प्रयास करें। कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को तवज्जो दें। चीनी का सीमित सेवन करें। मीठे पेय और लाल मांस को सीमित करें।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें: हर दिन लगभग 30 मिनट की सामान्य कसरत दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। व्यायाम न केवल रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करता है बल्कि तनाव को भी कम करता है।
संबंधित स्थितियों का प्रबंधन: इन स्थितियों में मधुमेह और रक्तचाप शामिल हैं। इनके स्तर पर लगातार निगरानी रखें। अगर आप किसी भी उतार-चढ़ाव को देखते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना उचित रहेगा।
तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान जैसी तकनीकों से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। यह याद रखें कि तनाव विभिन्न विकारों के बढ़ने की संभावना को बढ़ाएगा। इसलिए इस पर नियंत्रण रखें और पर्याप्त नींद लें।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई कोई भी जानकारी या संपूर्ण जानकारी बरेली के श्रीराम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड साइंसेज में दवा विभाग के प्रमुख और सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीप चंद्र पंत के स्वतंत्र विचार हैं। इस लेख को सामान्य जानकारी देने और शैक्षिक उद्देश्यों से प्रकाशित किया गया है।