नई दिल्लीः राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 (2015-16) के अनुसार, देश में तीन वर्ष से कम आयु के 41.6 प्रतिशत बच्चों को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराया गया। राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार ब्यौरा निम्नानुसार दिया गया है-
जन्म के एक घंटे के भीतर तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्तनपान कराना (%)- एनएफएचएस 4 (2015-16)
क्रम सं. | राज्य / संघ राज्य क्षेत्र | जन्म के एक घंटे के भीतर तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्तनपान कराना (%) |
1 | अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | 41.9 |
2 | आंध्र प्रदेश | 40.1 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 58.7 |
4 | असम | 64.4 |
5 | बिहार | 34.9 |
6 | चंडीगढ़ | 33.5 |
7 | छत्तीसगढ़ | 47.1 |
8 | दादरा और नगर हवेली | 47.8 |
9 | दमन और दीव | 55.8 |
10 | दिल्ली | 29.1 |
1 1 | गोवा | 73.3 |
12 | गुजरात | 50.0 |
13 | हरियाणा | 42.4 |
14 | हिमाचल प्रदेश | 41.1 |
15 | जम्मू और कश्मीर | 46.0 |
16 | झारखंड | 33.2 |
17 | कर्नाटक | 56.4 |
18 | केरल | 64.3 |
19 | लक्षद्वीप | 54.3 |
20 | मध्य प्रदेश | 34.5 |
21 | महाराष्ट्र | 57.5 |
22 | मणिपुर | 65.4 |
23 | मेघालय | 60.6 |
24 | मिजोरम | 70.2 |
25 | नगालैंड | 53.2 |
26 | ओडिशा | 68.6 |
27 | पुद्दुचेरी | 65.3 |
28 | पंजाब | 30.7 |
29 | राजस्थान | 28.4 |
30 | सिक्किम | 66.5 |
31 | तमिलनाडु | 54.7 |
32 | तेलंगाना | 37.1 |
33 | त्रिपुरा | 44.4 |
34 | उत्तराखंड | 27.8 |
35 | उत्तर प्रदेश | 25.2 |
36 | पश्चिम बंगाल | 47.5 |
नोटः- सर्वेक्षण से पूर्व पांच वर्ष के दौरान अंतिम पैदा बच्चे पर आधारित
स्रोतः एनएफएचएस 4 (2015-16) तथ्य पत्रक
इसके अलावा, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय केस्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा के अनुसार, 1,83,10,666 नवजात शिशुओं को 2016-17 के दौरान जन्म लेने के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया गया। राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार ब्यौरा निम्नानुसारदिया गया है-
राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराए गए नवजात बच्चों की संख्या
क्रम सं. | राज्यों / संघ राज्य क्षेत्र | जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान कराए गए नवजात शिशुओं की संख्या |
1 | अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | 4023 |
2 | आंध्र प्रदेश | 7,03,848 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 4090 |
4 | असम | 5,93,534 |
5 | बिहार | 19,77,535 |
6 | चंडीगढ़ | 21,026 |
7 | छत्तीसगढ़ | 4,48,049 |
8 | दादरा और नगर हवेली | 6,120 |
9 | दमन और दीव | 1,973 |
10 | दिल्ली | 1,98,179 |
1 1 | गोवा | 13,054 |
12 | गुजरात | 10,62,720 |
13 | हरियाणा | 4,31,994 |
14 | हिमाचल प्रदेश | 77,536 |
15 | जम्मू और कश्मीर | 1,74,133 |
16 | झारखंड | 6,62,536 |
17 | कर्नाटक | 8,61,440 |
18 | केरल | 4,27,907 |
19 | लक्षद्वीप | 800 |
20 | मध्य प्रदेश | 12,84,984 |
21 | महाराष्ट्र | 15,68,169 |
22 | मणिपुर | 34,832 |
23 | मेघालय | 76,049 |
24 | मिजोरम | 18,548 |
25 | नगालैंड | 18,160 |
26 | ओडिशा | 5,80,439 |
27 | पुद्दुचेरी | 34,077 |
28 | पंजाब | 3,02,988 |
29 | राजस्थान | 12,70,703 |
30 | सिक्किम | 5590 |
31 | तमिलनाडु | 5,02,415 |
32 | तेलंगाना | 3,56,685 |
33 | त्रिपुरा | 46,800 |
34 | उत्तर प्रदेश | 33,06,965 |
35 | उत्तराखंड | 1,29,799 |
36 | पश्चिम बंगाल | 10,92,966 |
स्रोतः एचएमआईएस पोर्टल पर राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा अपलोड किया गया डाटा (22.12.2017 की स्थिति)
स्तनपान व्यवहार को प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम “मदर्स एब्सोल्युट एफेक्शन (एमएए)” लागू किया है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य स्टाफ और प्रत्यायित सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) के क्षमता निर्माण हेतु उपयुक्त स्तनपान व्यवहार और साथ ही 360 डिग्री आईईसी (सूचना, शिक्षा और संप्रेषण)/बीसीसी (व्यवहार परिवर्तन संप्रेषण) कार्यकलापों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- इसके अलावा, इस एमएए कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्तर पर आशा कर्मियों द्वारा माताओं से संपर्क करना एक प्रमुख कार्यकलाप है जिसका लक्ष्य भारत में सामुदायिक प्रतिभागिता द्वारा महिलाओं में स्तनपान की महत्ता के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।
- एमएए कार्यक्रम में स्वास्थ्य केन्द्रों में स्तनपान को प्रोत्साहन देने तथा साथ ही समुदाय में महिलाओं को उपयुक्त स्तनपान व्यवहार के लिए कुशल परामर्श सहयोग देते हुए महिलाओं को जागरूक बनाने की संकल्पना की गई है।
जन्मपूर्व परिचर्या परामर्श और साथ ही ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण दिवस बैठकों के दौरान, गर्भवती माताओं में स्तनपान प्रोत्साहन को कोर थिमेटिक क्षेत्र माना गया है।
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