लखनऊ। मेरठ के एक नर्सिंग होम के चिकित्सक दंपती अंशु जिंदल और सुनील जिंदल ने बताया कि शुक्रवार को पुरुषों के लक्षण वाली महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है और दोनों बच्चे स्वस्थ हैं। इनके वजन 2.50 और 2.25 किग्रा हैं। चिकित्सक दंपती ने इस चमत्कार के बारे में बताया कि तीन साल पहले एक 32 वर्षीया महिला को सात साल तक बच्चे न होने के चलते नर्सिंग होम लाया गया था। महिला को मासिक धर्म भी नहीं आ रहा था। डाक्टरों ने बताया कि जब उन्होंने उस महिला की जांच की, तो पता चला कि उसमें पुरुषों वाले क्रोमोसोम्स यानी 46 एक्सवाई हैं। महिलाओं में 46 एक्सएक्स क्रोमोसोम्स होते हैं। उन्होंने बताया कि महिला की जननेंद्रियां भी विकसित नहीं थीं, जबकि उसका गर्भाशय भी अल्प विकसित था। उन्होंने बताया कि जब महिला अपनी मां की कोख में रही होगी, तभी उसका सही से विकास नहीं हो पाया होगा। कहा, महिला का काफी इलाज किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
चिकित्सक दंपती ने बताया कि इसके बाद उन्होंने महिला का छह महीने तक इंडोक्रीनल और हार्मोनल ट्रीटमेंट किया। फिर लैब में एक डोनर के अंडाणु से इंट्रा साइटोप्लाजमिक स्पर्म इंजेक्शन तकनीकि से महिला के पति के शुक्राणु को मिलाकर भू्रण तैयार किया। फिर इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में डाल दिया। जब वह गर्भवती हुई, तब चिकित्सक दंपती के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी गर्भाशय में इस भ्रूण को नौ महीने तक सुरक्षित रखने की, क्योंकि महिला के शरीर में 46 एक्सवाई क्रोमोसोम्स थे। चिकित्सक दंपती की मेहनत रंग लाई और शुक्रवार को महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। चिकित्सक दंपती ने बताया कि विज्ञान के इस चमत्कार को पुर्तगाल में जून में आयोजित होने वाले यूरोपियन सोसायटी ऑफ ह्यूमन रिर्पोडक्शन एंड इंब्रियोलॉजी एन्यूअल कॉन्फ्रेंस में भी रखा जाएगा।