देहरादून: प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्रेस क्लब, देहरादून में मातृ शक्ति विषय पर स्नेहिल संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि मातृ शक्ति की दिशा में उत्तराखण्ड ने अपनी विशेष पहचान बनायी है। उत्तराखण्ड सहित सम्पूर्ण भारत में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक मातृ शक्ति का चित्रण विशेष है। यह चित्रण विदेशियों द्वारा प्रस्तुत भारतीय संस्कृति को कमत्तर आंके जाने की प्रवृत्ति के विरूद्ध सकारात्मक उत्तर है। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम समाज में एक जागरूकता का संदेश देता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा स्त्री सशक्तिकरण की दिशा में इस प्रकार के कार्यक्रम सार्थक होंगे और महिलाओं के मार्ग में आने वाली चुनौतियों का सामाना करने में सक्षम होंगे। उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए अनेक प्रकार के कानून हैं किन्तु कानून से अधिक जागरूकता और कानूनी अधिकार के विषय में जानकारी देना है। यह कार्य विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्र में करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति स्त्रियों के समानता के अधिकार का समर्थन करता रहा है।
पूर्व संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति सुधा पाण्डेय ने कहा मातृ शक्ति के लिए यह कार्यक्रम एक प्रकार की कला है। इसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ठ उपलब्धियाॅ को अर्जित करने वाली महीलाओं के चित्र एक प्रेरणा स्रोत बनकर सामने आयेगा तथा कला के क्षेत्र में एक नया आयाम भी खुलेगा। इसे उन्होंने सत्यम, शिवम, सुन्दरम का नाम दिया। उन्हांेने कहा यह कार्य भारत को अन्तर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने में भी सहायक होगा।
इस अवसर पर मातृ शक्ति से सम्बन्धित अन्नता पुस्तक का लोकापर्ण किया गया। संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से इस कार्यक्रम में मातृ शक्ति के विषय पर प्रदर्शनी भी लगायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी असीम आत्मानन्द महाराज ने किया। कार्यक्रम संचालन स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष ममता ने किया। इस अवसर पर स्नेहिल संस्था के हिमाशु दरमोड़ा, अंजली मेहरा, शशिबाल मिलन, डाॅ0 पुनीत सैनी, डाॅ0 अल्का मोहन, डाॅ0 सुनिता पंवार इत्यादि मौजूद थे।