नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि मात्स्यिकी एवं जलजीव पालन ऐसे बहुआयामी विषय हैं जहां वैज्ञानिकों एवं तकनीकविदों को कार्य करने की जरुरत है। वह आज केरल के कोच्चि में ‘मात्स्यिकी एवं जलजीव पालन में नवोन्मेषणों को बढ़ावा देना’ थीम पर 11वें भारतीय मात्स्यिकी एवं जलजीव पालन फोरम का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री पी सतसिवम, केरल की मात्स्यिकी, बंदरगाह अभियांत्रिकी एवं काजू उद्योग मंत्री श्रीमती जे मर्सीकुट्टी अम्मा, केरल के स्थानीय स्व शासनों, अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज मंत्री डॉ. के टी जलील एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि समाज हमारे देश को न केवल पौषणिक और खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता कर रहा है बल्कि उद्यमशीलता, आय सृजन, स्व रोजगार, व्यापार एवं वाणिज्य के लिए अवसरों का सृजन भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक मछली उत्पादन में केवल 6.3 प्रतिशत का योगदान देता है जोकि राष्ट्रीय जीडीपी का 1.1 प्रतिशत और देश के कृषि जीडीपी का 5.15 प्रतिशत भी है।