देहरादून: उत्तराखंड का अति दुर्गम इलाका और बरसात की घनघोर अंधेरी रात। ऐसे में कोई समस्या सामने आ जाए तो सहारे की कोई किरण नजर नहीं आती। जनपद उत्तरकाशी की तहसील पुरोला में एक महिला अपने बीमार बच्चे की मदद के लिए ऐसे ही काली रात में भटक रही थी। लेकिन कहीं से उम्मीद की रोशनी नजर नही आ रही थी। ऐसे समय में मानवता की अनूठी मिसाल देते हुए उजाले की किरण साबित हुए राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017 को उत्तरकाशी की पुरोला तहसील के सुनाली गांव में एक महिला के नवजात बच्चे की तबीयत बेहद खराब थी। रात के 11 बजे मीरा नाम की महिला को अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए कोई सहारा नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में महिला ने सीधे सूबे के मुखिया श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन कर अपने बच्चे के स्वास्थ्य के संबंध में परेशानी बताई। महिला की परेशानी सुनते ही सीएम श्री त्रिवेंद्र ने जिलाधिकारी को महिला की मदद के निर्देश दिए। डीएम के आदेश पर पुरोला के एसडीएम श्री शैलेंद्र सिंह नेगी आधे घंटे के भीतर रात 11.30 बजे मौके पर पहुंचें और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। एक घंटे के भीतर ही बच्चे की तबीयत में सुधार होने लगा।
जिस दिन से श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से लगातार वे प्रदेश की जनता की सेवा के प्रति समर्पित रहे हैं। चाहे तपती धूप में जनता के बीच जाने की बात हो या आधी रात को फोन पर लोगों की समस्याओं को सुनना। सीएम श्री त्रिवेंद्र हर-पल अपनी जनता की सेवा और समस्याओं के निदान के लिए तैयार रहते हैं। कुछ दिन पहले भी फोन पर मुख्यमंत्री ने एक छात्रा की शिक्षकों की कमी की शिकायत को सुना था और फौरन समस्या के निदान के निर्देश दिए थे। अब एक बार फिर से मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने आधी रात को फोन पर एक महिला की समस्या को गम्भीरता से सुना और उसके बीमार नवजात बच्चे का इलाज सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी, उत्तरकाशी को निर्देश दिए। प्रदेशवासियों की जनता की सेवा के प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सक्रियता और इस मानवीय पहल से एक नवजात बच्चे की सेहत में सुधार हुआ। श्रीमती मीरा पत्नी श्री वीरेन्द्र कुमार ने देर रात उनकी समस्या को सुनकर उनकी मदद करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
ज्ञातव्य है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र द्वारा मानवीयता का परिचय देते हुए अपनी फ्लीट रूकवाकर घायल व्यक्तियों की मदद की जा चुकी है और उन्हें इलाज हेतु अपने वाहन से अस्पताल भी पहुंचाया गया है।