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मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने फिजी में आयोजित राष्ट्रकुल शिक्षा मंत्रियों के 20वें सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास; एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने फिजी के नादी में 19-23 फरवरी, 2018 के दौरान आयोजित राष्ट्रकुल शिक्षा मंत्रियों के 20वें सम्मेलन (20 सीसीईएम) में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। सम्मेलन की थीम थी ‘अनुकूलता एवं लचीलापन: क्या शिक्षा कारगर हो सकती है?

डॉ. सिंह ने 21 फरवरी, 2018 को फिजी के यूनिवर्सिटी ऑफ साऊथ पैसिफिक के कुलपति डॉ. राजेश चंद्रा द्वारा ‘20 सीसीईएम विषयगत मुद्वों‘ पर प्रस्तुति पर ‘प्रतिक्रिया वक्तव्य‘ दिया था। मंत्री महोदय ने उल्लेख किया था कि सतत विकास लक्ष्यों का मूल उद्वेश्य हमारे शिक्षकों एवं छात्रों में भी सार्वभौमिक, मानवतावादी, नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को अंतर्निविष्ट करना एवं उनका पोषण करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अच्छी शिक्षा को एक वैश्विक एजेंडा बन जाना चाहिए। जब तक सभी देशों के बच्चे अच्छी तरह से शिक्षित, कुशल नहीं हो जाते एवं रोजगार से नहीं जुड़ जाते, विश्व शांति सुनिश्चित करने की संभावना अस्पष्ट बनी रहेगी।

मंत्री महोदय ने 23 फरवरी 2018 को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी4) पर विचार विमर्शों के दौरान ‘वयस्क शिक्षा एवं अध्ययन‘ पर भी एक वक्तव्य दिया था। डॉ. सिंह ने प्रतिभागी राष्ट्रकुल सदस्यों को भारत सरकार द्वारा वयस्क शिक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय साक्षरता मिशन‘, ‘साक्षर भारत‘ ; मतदाता साक्षरता (मतदान करने का प्रतिशत बढ़ाने के लिए), वित्तीय साक्षरता (प्रधानमंत्री जन धन योजना), सीमांत वर्गों के लिए कानूनी साक्षरता और वयस्कों के लिए स्व रोजगार प्रशिक्षण (कौशल विकास) पाठ्यक्रमों, आईसीटी-इनैबल्ड अध्ययन रूपांतरण (मैसिव ओपेन ऑनलाइन लर्निंग कोर्सेस (एमओओसीएस/स्वयम), राष्ट्रीय डिजिटल लाईब्रेरी, आदि जैसी आरंभ की गई विभिन्न योजनाआंे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कोई भी शिशु बिना शिक्षा के वयस्क के रूप में विकसित नहीं हो सकता। मंत्री महोदय के वक्तव्यों एवं टिपण्णियों की सभी प्रतिभागी देशों द्वारा काफी सराहना की गई।

डॉ. सिंह ने 20 फरवरी, 2018 को सम्मेलन के दौरान फिजी के प्रधानमंत्री रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) माननीय जोसेइया वोरेक बैनीमारामा से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी जी की तरफ से, डॉ. सिंह ने 11 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले सौर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। फिजी के प्रधानमंत्री ने धन्यवाद दिया एवं शिखर सम्मेलन में अपनी प्रतिभागिता की पुष्टि की। डॉ. सिंह ने फिजी के शिक्षा मंत्री श्री अयाज सैयद खैयूम के साथ भी विचार विमर्श किया।

डॉ. सिंह की 21 फरवरी, 2018 को ब्रिटेन के शिक्षा मंत्री डॉ. निक गिब ; ऑस्ट्रेलिया की सहायक शिक्षा मंत्री सुश्री केरेन एंड्रज ; एवं टोंगा के शिक्षा मंत्री श्री पेनिसीमनी इपेंसिया के साथ भी द्विपक्षीय सार्थक बैठक हुई। माननीय मंत्री महोदय ने 24 फरवरी, 2018 को विभिन्न द्विपक्षीय मुद्वों पर चर्चा करने के लिए न्यूजीलैंड की सहायक शिक्षा मंत्री सुश्री जेनी सलेसा से भी मुलाकात की।

डॉ. सिंह की 21 फरवरी, 2018 को बहुपक्षीय सहयोग पर विचार विमर्श करने के लिए राष्ट्रकुल के महासचिव सुश्री पैट्रिसिया स्कॉटलैंड के साथ भी अच्छी बैठक हुई।

डॉ. सिंह ने रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित विवेकानंद महाविद्यालय का भी दौरा किया जहां उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों/शिक्षकों से बातचीत की।

22 फरवरी, 2018 को मंत्री महोदय ने भारतीय उच्चायोग में भारतीय डायसपोरा के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सुवा की यात्रा की जहां ‘विश्व हिन्दी दिवस‘ का आयोजन किया गया । उन्होंने फिजी के तीन नागरिकों को पुरस्कार प्रदान किया जो फिजर में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने एवं प्रसार करने में बेशुमार योगदान दे रहे हैं। ‘हिन्दी भाषा एवं संस्कृति‘ पर डॉ. सिंह के भाषण ने भारतीय डायसपोरा के दिलों को छू लिया।

   22 फरवरी, 2018 को मंत्री महोदय ने तवुवा में राबुलु सनातन के एक नए विद्यालय परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, फिजी के शिक्षा मंत्रालय की स्थायी सचिव सुश्री एलिसेन ब्रुचेल भी उपस्थित थीं। यह विद्यालय 2016 के फरवरी महीने में कैट-5 तूफान ‘विंस्टन‘ के कारण बुरी तरह ध्वस्त हो गया था।

डॉ. सिंह ने 23 फरवरी, 2018 को लौटोका में गिरमिट सेंटर का दौरा किया जहां उन्होंने केंद्र के पुस्तकालय को 100 किताबें उपहारस्वरूप भेंट कीं तथा गिरमिट सेंटर के अधिकारियों से मुलाकात की।

इसके बाद, मंत्री महोदय ने लौटोका में फिजी विश्वविद्यालय के रविंद्रनाथ टैगोर सेंटर का भ्रमण किया जहां उन्होंने केंद्र को 100 किताबें उपहारस्वरूप भेंट कीं। फिजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रेम मिसिर द्वारा संपादित पुस्तक ‘द सुबालटर्न इंडियन वूमेन‘ (गिरमिट महिलाओं पर) की प्रस्तुति के दौरान भारतीय डायसपोरा के साथ उनकी शानदार मुलाकात रही। मॉरीशस की शिक्षा मंत्री श्रीमती लीला देवी भी इन सामुदायिक मुलाकातों के दौरान उपस्थित रहीं और उन्होंने भारतीय डायसपोरा से अगस्त, 2018 में मॉरीशस में आयोजित होने वाले ‘विश्व हिन्दी सम्मेलन‘ में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की। डॉ. सिंह ने ‘ संस्कृति, समाज एवं सभ्यता के विकास में महिलाओं की भूमिका‘ एवं ‘स्वास्थ्य, भाषा एवं संस्कृति का संरक्षण‘ पर भाषण दिया जो भारतीय डायसपोरा को बहुत प्रेरणादायक लगा।

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