देहरादून: पोलेण्ड का ओपोले प्रांत व उत्तराखंड राज्य योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। दोनों ही प्रान्तीय सरकारों में इस पर सहमति बन गई है। पोलेण्ड के विदेश मंत्रालय द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त होते ही उत्तराखंड सरकार व पोलेण्ड के ओपोले प्रान्त की सरकार के बीच स्टेट टू स्टेट समझौता ज्ञाप पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ओपोले प्रान्त के मार्शल श्री एंड्रजे बुला के प्रतिनिधि के तौर पर पोलेण्ड स्थित सुलिस्ला योगा आयुर्वेद इंस्टीट्यूट के संस्थापक श्री जेर्जी बार व श्रीमती बिएटा बार ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिह रावत को इस संबंध में आधिकारिक पत्र सौंपा। पोलेण्ड में भारतीय राजदूत श्री अजय बिसारिया द्वारा भी इसके लिए संस्तुति की गई है। सुलिस्ला योगा आयुर्वेद इंस्टीट्यूट पोलेण्ड में 700 एकड़ क्षेत्र में विकसित की गई है। बार दम्पत्ति ने मुख्यमंत्री को सुलिस्ला में चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योगा व आयुर्वेद सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए भी आमंत्रित किया है। ओपोले मेडिकल काॅलेज द्वारा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के साथ कार्य करने के लिए भी प्रस्ताव किया गया है। इस संबंध में भी मुख्यमंत्री श्री रावत को पत्र सौंपा गया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड योग की भूमि है। योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में मिलकर काम करने से पोलेण्ड का ओपोले प्रान्त व उत्तराखंड राज्य परस्पर लाभान्वित होंगे। प्रतिनिधिमण्डल में भारत के पूर्व राजदूत श्री सी.एम. भण्डारी भी शामिल थे। श्री भण्डारी मूल रूप से रानीखेत के हैं और वर्तमान में वे अपने गांव मारवा में इको पर्यटन, योगा व आयुर्वेद पर काम कर रहे हैं। तय किया गया कि मारवा गांव की तर्ज पर इको पर्यटन, योगा व आयुर्वेद के माॅडल को कुछ अन्य गांवों में भी विकसित किया जाए। श्री जेर्जी बार ने कहा कि वे प्रयास करेंगे कि अधिक से अधिक पोलेण्ड के पर्यटक आएं और यहां योग व आयुर्वेद से लाभान्वित हों। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमण्डल ने बाद में मुख्य सचिव श्री एस रामास्वामी से भी भेंट की।