लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश में अपराधियों की धरपकड़ एवं उन्हे उनके अपराध की सजा दिलाने हेतु किये जा रहे प्रयासो में और तेजी लायी गयी है। अपराधियो की शीघ्र गिरफ््तारी के लिए ईनाम घोषित करने की प्रक्रिया में परिवर्तन कर पुलिस विभाग के विभिन्न स्तर के अधिकारियो को अब और अधिकार दिये गये है। इसके फलस्वरूप अपराधियो की शीघ्र गिरफ््तारी में मदद मिलेगी और उसका असर प्रदेश की अपराध स्थिति के नियंत्रण मे भी पड़ेगा।
प्रमुख सचिव, गृृह श्री अरविन्द कुमार नें उक्त जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि अपराधियों को गिरफ्तार कराने तथा उन्हे दण्डित कराने के लिये सूचना देने पर पुरस्कार दिये जाने की वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था में परिवर्तन कर इसे और अधिक सुदृृढ़ एवं प्रभावी बनाया गया है। उन्होने बताया कि इस संबंध में वर्तमान में चल रही व्यवस्था के अन्तर्गत प्रावधानिक अधिकार काफी पुराने है तथा दी जाने वाली अधिकतम पुरस्कार की धनराशि पुलिस कर्मियों का मनोबल ऊचा करने के लिये भी नगण्य है।
शासन द्वारा जारी नये निर्देशों के अनुसार अब प्रमुख सचिव गृृह/सचिव गृृह विभाग (पुलिस) पांच लाख रूपये तक का ईनाम प्रति अपराधी घोषित कर सकेगे, जबकि अभी तक उनको ढाई लाख रूपये तक का ही ईनाम स्वीकृृत करने का अधिकार था।
नये शासनादेश के अनुसार पुलिस महानिदेशक अब 2.5 लाख रूपये प्रति अपराधी ईनाम घोषित कर सकेगें जबकि अभी उनके स्तर से 50 हजार रूपये तक का ही ईनाम घोषित किया जा सकता था। अपर पुलिस महानिदेशक जोन/पुलिस महानिरीक्षक जोन को भी अब एक लाख रूपये तक प्रति अपराधी ईनाम घोषित करने को अधिकार शासन द्वारा प्रदान किया गया है।
इसी प्रकार नयी व्यवस्था के अन्तर्गत पुलिस महानिरीक्षक (अपराध)/पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, परिक्षेत्र को 50 हजार प्रति अपराधी ईनाम घोषित कर सकेगे, जबकि अभी तक की प्रचलित व्यवस्था में पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक परिक्षेत्र को 15 हजार तक का ही ईनाम घोषित करने का अधिकार था।
नये शासनादेश के अनुसार अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद को 25 हजार रूपये प्रति अपराधी ईनाम दिये जाने के अधिकार दिये गये है, जो धनराशि अभी तक केवल 5 हजार रूपये थी।