लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता ने जिस विश्वास और प्रचण्ड जनादेश के साथ वर्तमान सरकार को चुना है। यह सरकार उन प्रदेशवासियों के विश्वास, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर खरी उतरेगी। उन्होंने कहा कि एक नयी कार्य संस्कृति के साथ सरकार चल रही है और डेढ़ महीने के अन्दर प्रदेश में परिवर्तन दिखायी देने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र को अपनाते हुए राज्य सरकार विकास कार्याें को अंजाम देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपनी प्राथमिकताएं तय कर दी हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां स्थानीय ताज होटल में ‘पंचायत आज तक’ कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया जा रहा है और शीघ्र ही पूर्व सरकारों के कार्यकाल से चला आ रहा जंगल राज समाप्त होगा। सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में लोगों को एक नया परिवर्तन दिखायी देगा। उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की छवि से निकालना एक चुनौती है, जिसका सामना पूरी तत्परता के साथ किया जा रहा है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर यह सरकार पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद है। अब अपराधियों व माफियाओं को किसी भी प्रकार का संरक्षण नहीं मिलेगा। किसी को भी कानून के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।
किसानों की बदहाली की चर्चा करते हुए श्री योगी ने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 के वादे को पूरा करते हुए किसानों का कर्ज माफ किया गया, जिससे उन्हें तात्कालिक राहत मिली है। राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि किसानों को स्थायी राहत मिले। उनकी उपज का उचित दाम मिले। उनकी आय दो-गुनी हो और वे आत्मनिर्भर बनें। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने 5,000 गेहूं क्रय केन्द्रों की स्थापना करते हुए अब तक इस अवधि के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में 4 गुना अधिक गेहूं खरीद की है। उन्होंने कहा कि किसानों को गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,625 रुपये प्रति कुन्तल के भुगतान एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी प्रकार, गन्ना मूल्य के बकाये का भुगतान रिकाॅर्ड स्तर पर हुआ है। प्रदेश में पहली बार आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया गया। किसान को समय पर बीच, पानी व उर्वरक उपलब्ध हो, इसकी व्यवस्था की गयी है। इन निर्णयों से किसानों को यह महसूस होने लगा है कि राज्य सरकार उनके हिता के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांस्फर व पोस्टिंग, जो अब तक एक उद्योग के रूप में विकसित थी, वह अब लोकहित के तहत की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए जिलामुख्यालयों में 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों में 20 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। सड़कों को विकास का आधार मानते हुए सरकार ने प्रदेश की सड़कों को 15 जून, 2017 तक गड्ढा मुक्त किये जाने का निर्णय लिया है, जिस पर युद्धस्तर पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि गंगा सहित प्रदेश की सभी नदियों को स्वच्छ और प्रदूषणरहित बनाने के लिए भारत सरकार की ‘नमामि गंगे’ योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है। हर जिले में एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स स्थापित करने का फैसला हुआ है और भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा की गयी सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का अभियान शुरू किया जा चुका है। अवैध कब्जे की गोचर भूमि को भी मुक्त कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री योगी ने कहा कि शीघ्र ही नयी उद्योग और निवेश नीति लागू की जाएगी, जिसके लिए मंत्रिपरिषद समूह का गठन किया जा चुका है और यह समूह तेजी से इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में लचर कानून व्यवस्था के कारण भय और असुरक्षा का वातावरण था। उद्योगपति उद्योगों के लिए निवेश करने में डरते थे, लेकिन अब वर्तमान कानून व्यवस्था और कार्य संस्कृति से प्रभावित होकर उद्योगपतियों ने प्रदेश की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नयी खनन नीति लागू होगी, जिसके आधार पर ज्यादा से ज्यादा राजस्व सरकारी खजाने में आएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और माफियाओं को हटाने के उद्देश्य से सभी विभागों में ई-टेण्डरिंग किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इन सब निर्णयों से विकास की एक नयी अवधारणा विकसित हो रही है।
स्वच्छ भारत अभियान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि देश भर की रेटिंग में मात्र वाराणसी शहर को स्वच्छता के लिए 32वां स्थान मिला है, जबकि प्रदेश में 50 जनपदों को गंदे शहरों की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कार्य योजना बनायी गयी है और आने वाले समय में स्वच्छता अभियान एक जन आन्दोलन के रूप में सामने आएगा और स्वच्छ शहरों की रेटिंग में प्रदेश के जनपदों का स्थान होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 30 जनपदों को ओ0डी0एफ0 (खुले में शौच मुक्त) किया जाएगा। कूड़े का निस्तारण इस प्रकार होगा कि उससे कम्पोस्ट बने और ऊर्जा का उत्पादन हो। उन्होंने कहा कि गोमती रिवर फ्रण्ट परियोजना में गन्दे नालों के निस्तारण की कोई योजना नहीं थी, जिसकी वजह से गोमती नदी आज भी प्रदूषित है। लेकिन इस नदी को भविष्य में ठोस कार्य योजना बनाकर स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त किया जाएगा।
श्री योगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तर प्रदेश के मेधावी युवा राज्य को छोड़कर दूसरे प्रदेशों में रोजगार की तलाश में चले जाते थे। लेकिन अब नौजवानों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र सरकार और राज्य की जनता के सहयोग से उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में सुशासन और विकास का एक नया वातावरण दिखायी देगा।