लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की हर हाल में 30 नवम्बर, 2017 तक मरम्मत पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों को समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता के साथ गड्ढामुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यों एवं परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए कार्य योजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के कार्य की धीमी प्रगति अंसतोष जताते हुए कहा कि इस कारण जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें किसी भी प्रदेश व राष्ट्र के विकास का पैमाना होती हैं। क्षतिग्रस्त सड़कों एवं आवागमन के रास्तों के अभाव में विकास की गति की रफ्तार मन्द पड़ती है। इसलिए सड़कों को चुस्त-दुरुस्त और गड्ढामुक्त किया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
योगी जी ने लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित सड़कों की गड्ढामुक्ति, मरम्मत और रख-रखाव का कार्य शीघ्रता से सुनिश्चित करें। साथ ही, गुणवत्ता का भी पूरा-पूरा ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष माह-अगस्त में बाढ़ आयी थी, जिसके कारण सड़कें और तटबन्ध क्षतिग्रस्त हुए थे, किन्तु अभी तक इनकी मरम्मत का कार्य पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह से आवागमन में जनता को कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलों के दोनों ओर के पहुंच मार्गों से सम्बन्धित मरम्मत कार्यों को भी समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। साथ ही, उन्होंने गड्ढामुक्त व मरम्मत के कार्यों के सत्यापन की भी मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग श्री सदाकान्त, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्र, सचिव मुख्यमंत्री श्री मृत्युंजय कुमार नारायण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।