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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से बचाव की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा की

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि बाढ़ की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन एवं खेती-बाड़ी की हिफाजत के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को, लोगों की जान-माल की हिफाजत के लिए स्थानीय आवश्यकता के दृष्टिगत पहल करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में धन की कमी कतई नहीं होनी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री जी आज यहां योजना भवन में बाढ़ से बचाव की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। इसमें बाढ़ की दृष्टि से 23 अतिसंवेदनशील व 17 संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारियों के अलावा, मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग, रिमोट सेन्सिंग एवं एन०डी०आर०एफ० के अधिकारी भी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित तैयारियों एवं सूचनाओं से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।

योगी जी ने निर्देशित किया कि जनपदवार बाढ़ खण्ड की स्थापना एवं अभियन्ताओं की तैनाती सुनिश्चित की जाए। सिंचाई विभाग के जिन अभियन्ताओं ने स्थानान्तरित जनपदों में अपनी योगदान आख्या नहीं दी है, तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाढ़ से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बाढ़ से बचाव की यह बैठक मार्च/अप्रैल में ही हो जानी चाहिए थी ताकि कमी पायी जाने पर उनके समाधान के लिए पर्याप्त समय मिल पाता। उन्होंने सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह एवं बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह को जनपदों में भ्रमण कर बाढ़ नियंत्रण के लिए संचालित परियोजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि सिंचाई विभाग मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी जनपदों में संचालित परियोजनाओं का मौके पर जाकर समीक्षा करें और जहां जरूरत हो आवश्यकतानुसार व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समीक्षा से स्पष्ट है कि कई जनपदों में जैसी तैयारी अपेक्षित थी, वैसी नहीं हो पायी है।

योगी जी ने कहा कि जिलाधिकारी अभी से सतर्क रहकर मुकम्मल तैयारी सुनिश्चित कराएं और जहां सिंचाई विभाग के अभियन्ता सहयोग न करें उनकी जानकारी शासन को दी जाए। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाये गये तटबन्धों को सुरक्षित बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकतानुसार सिंचाई विभाग बजट उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय में शरारती एवं अराजक तत्वांे पर भी निगाह रखी जानी चाहिए। बाढ़ से प्रभावित स्थानीय लोगों के लिए शरणालय सहित अन्य सारी व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने एन०डी०आर०एफ० की तर्ज पर एस०डी०आर०एफ० के गठन के लिए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ के दौरान पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए समय रहते व्यवस्था की जाए। बैठक में जिन जनपदों के जिलाधिकारी कतिपय कारणों से नहीं आ पाये हैं, उनसे स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देते हुए कहा कि जिलाधिकारी अपने स्तर से बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव की समीक्षा करें।

इससे पूर्व, मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर ने कहा कि दैवीय आपदाओं से बचाव कार्य को जिलाधिकारी सर्वाेच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने जिलाधिकारियों से व्यक्तिगत पहल कर बाढ़ से बचाव के लिए योजना तैयार करने की बात भी कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह, राजस्व, कृषि तथा सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व खाद्य एवं रसद ने अपने-अपने विभागों की तरफ से की गयी तैयारियों की जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक श्री सुलखान सिंह एवं एन०डी०आर०एफ० के कमाण्डर ने भी आपात परिस्थितियों में उपलब्ध कराई जाने वाली व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अवगत कराया। सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों ने भी अपने-अपने जनपदों में संचालित बाढ़ से बचाव की परियोजनाओं की अद्यतन जानकारी के साथ-साथ शासन से अपेक्षित सहयोग के सम्बन्ध में भी अवगत कराया। बैठक में सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, बाढ़ निंयत्रण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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