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मुख्यमंत्री ने मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ बैठक की

मुख्यमंत्री ने मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ बैठक की
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज गोरखपुर में बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज के जे0ई0/ए0ई0एस0 वाॅर्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने आकस्मिक चिकित्सा कक्ष, आई0सी0यू0, नवजात शिशु सघन कक्ष में  बेड-टू-बेड जाकर मरीजों का हाल जाना तथा दवा की उपलब्धता, चिकित्सकीय व्यवस्था, साफ-सफाई आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने चिकित्सकों को मरीजों के बेहतर इलाज के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी मरीज की मृत्यु उपचार के अभाव में नहीं होनी चाहिए।

निरीक्षण के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने मेडिकल काॅलेज के अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि सभी सी0एच0सी0/जिला चिकित्सालय में उपचार की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। इंसेफ्लाइटिस बीमारी के कारण, लक्षण एवं उसके बचाव के प्रति लोगों में जन जागरूकता लायी जाए, ताकि जनमानस को इस भयानक बीमारी से बचाया जा सके। सभी सी0एच0सी0/जिला चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अपर निदेशक स्वास्थ्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से सी0एच0सी0 का भ्रमण करते रहें तथा वहां पायी जाने वाली कमियों को जनहित के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

योगी जी ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस की बीमारी अधिकांशतः बरसात के दिनों में ही होती है, इसलिए यह आवश्यक है कि इस मौसम में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक उपस्थित रहें तथा दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। अभिभावकगण अपने बच्चों को बरसात में कीचड़ में बाहर न जाने दंे, पूरी बांह की शर्ट पहनाएं तथा मच्छरदानी का प्रयोग करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इंसेफ्लाइटिस प्रभावित संवेदनशील एवं अति संवेदनशील गांव का चयन कर जहां इस बीमारी के मरीज ज्यादा हों, वहां स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती अवश्य की जाए और सभी आई0सी0यू0 चालू हालत में होने चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी अस्पताल में चिकित्सकीय आवश्यकता की कमी नहीं होनी चाहिए। इंसेफ्लाइटिस के साथ-साथ डेंगू से बचाव के भी पूरे इंतजाम किए जाएं, व्यापक पैमाने पर फाॅगिंग करायी जाए। अभिभावकों को प्रेरित किया जाए कि बीमारी के लक्षण दिखते ही मरीज को तत्काल सरकारी अस्पताल ले जाकर इलाज प्रारम्भ करा दें। इलाज के प्रति किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए, अन्यथा सम्बन्धित चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।योगी जी ने साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष बल देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में कहीं भी गंदगी नहीं दिखनी चाहिए, अन्यथा डी0पी0आर0ओ0 एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जनसामान्य को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अशुद्ध पेयजल ही ए0ई0एस0 जैसी बीमारी को जन्म देता है। जिला अस्पताल और मेडिकल काॅलेज के बीच आपसी संवाद होने के साथ-साथ, जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी समन्वय नितान्त आवश्यक है। सभी स्वास्थ्य केन्द्र पर डाॅक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए। चिकित्सालयों का निरीक्षण टीम बनाकर एवं नोडल अधिकारी नामित कर निरन्तर कराया जाए।बैठक/निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त, डी0आई0जी0, जिलाधिकारी, बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य, अपर निदेशक स्वास्थ्य सहित अन्य चिकित्सकगण उपस्थित थे।

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