लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए शत-प्रतिशत कच्चा माल कृषि उत्पादों से ही प्राप्त होता है। खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के विकास से प्रदेश की जनसंख्या के बड़े हिस्से को रोजगार व स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के माध्यम से किसान आत्मनिर्भर तो बन ही सकता है, साथ ही भविष्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुसार उसकी आय दोगुनी भी की जा सकती है। यदि हम इस लक्ष्य में कामयाब रहे, तो किसान सम्पन्न बनेगा।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय तथा सी0आई0आई0 के संयुक्त तत्वावधान में वल्र्ड फूड इण्डिया-2017 पर केन्द्रित रोड शो कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में अन्तर्राष्ट्रीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 3 से 5 नवम्बर, 2017 के बीच नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वल्र्ड फूड इण्डिया-2017 आयोजित किया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि विगत सरकारों ने किसानों की आय बढ़ाने के दृष्टिगत कोई प्रयास नहीं किया है। अन्यथा प्रदेश के किसानों की आज यह दशा न होती और वे आत्महत्या के लिए मजबूर न होते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा यह कार्यक्रम आगामी नवम्बर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रदेश के उद्यमियों एवं निवेशकों को वैश्विक सम्बन्ध बनाने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो माह में सरकार ने किसानों की भलाई के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित किए हैं, जहां गेहूं खरीद चालू है। इसी प्रकार आलू क्रय नीति बनाकर आलू उत्पादकों को 487 रुपए प्रति कुन्तल का समर्थन मूल्य दिलवाया गया, जिससे उन्हें काफी राहत मिली। उन्होंने कहा कि यदि पिछली सरकारों ने आलू उत्पादक क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने पर ध्यान दिया होता, तो किसानों को आलू फेंकना न पड़ता। पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया।
योगी जी ने कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 के क्रम में प्रदेश सरकार गांव, गरीब, किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। राज्य सरकार प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित कर इसे फूड पार्क वाले राज्य के रूप में विकसित करेगी। इन पार्कों में पैकेजिंग, निर्यात और रिसर्च की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इससे राज्य के किसानों, फल उत्पादकों तथा खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित उद्यमियों को जहां एक ओर काफी मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में रोजगारों का सृजन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के दृष्टिगत राज्य सरकार खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रही है। जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां का बाजार भी बड़ा है। इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई खाद्य प्रसंस्करण नीति शीघ्र ही लाने जा रही है। साथ ही, उद्यमियों की सुविधा के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम भी लागू किया जाएगा। उद्योगों की आवश्यकता पूरी करने के उद्देश्य से राज्य सरकार लैण्ड बैंक बनाने की भी कार्यवाही कर रही है, ताकि भूमि की कमी की वजह से इकाइयां स्थापित करने में बाधा न आए।
योगी जी ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि अब उन्हें प्रदेश में व्यापार के लिए अनुकूल माहौल मिलेगा। राज्य सरकार उद्यमियों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराएगी, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी उद्योग के लिए विद्युत बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। राज्य सरकार द्वारा जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 20 घण्टे तथा गांवों में 18 घण्टे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। भविष्य में गांवों में भी 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि पूरे प्रदेश में कहीं भी बिजली की समस्या न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे वल्र्ड फूड इण्डिया-2017 में राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी। उत्तर प्रदेश में केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरूप मेगा फूड पाक्र्स तथा अन्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की दिशा में राज्य सरकार सकारात्मक रुख अपनाते हुए हर सम्भव प्रयास करेगी।
कार्यक्रम को केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव श्री अविनाश श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, सी0आई0आई0 के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमी मौजूद थे।