लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं, मूल्यों और आदर्शाें के अनुरूप कार्य करते हुए राज्य में लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत बनायेगी। इसके लिए विपक्षी दलों के सदस्यों सेे सहयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सदन को चर्चा-परिचर्चा का एक आदर्श मंच बनाकर हम सबको मिलकर जनभावनाओं पर खरा उतरने का प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री आज यहां विधानभवन में सर्वसम्मति से श्री हृदय नारायण दीक्षित के विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री दीक्षित का सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना जाना लोकतंत्र की सर्वाेच्च एवं आदर्श परम्पराओं में से एक है।
इस मौके पर नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विधानसभा के अध्यक्ष पद को राजर्षि श्री पुरुषोत्तम दास टण्डन जी सहित अनेक मनीषियों ने सुशोभित करके इस सदन की गरिमा, उच्च संसदीय मर्यादाओं और मापदण्डों को स्थापित किया है। श्री दीक्षित का सुदीर्घ सार्वजनिक, संसदीय और विधायी अनुभव रहा है। साथ ही, ये एक बड़े लेखक है और अपनी लेखनी के माध्यम से भी समाज का मार्गदर्शन किया है। इनका यह अनुभव व ज्ञान इस सदन में हम सभी के लिए अवश्य ही उपयोगी साबित होगा तथा सदन को चर्चा का एक अच्छा मंच बनाया जा सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि श्री दीक्षित के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश विधानसभा देश की एक आदर्श विधानसभा के रूप में अपना स्थान बनायेगी और उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित होगा।
श्री योगी ने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। दोनों को मिलकर काम करना चाहिए, जिससे उन उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके जिनके लिए जनता ने हम सभी को चुनकर यहां भेजा है। उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि सदन में पहली बार चुनकर आये नये सदस्यों को भी नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष के संरक्षण में बिना किसी भेदभाव के अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।