लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि देश की चारों दिशाओं में स्थापित तीर्थस्थल पर्यटन के केन्द्र मात्र ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता के केन्द्र बिन्दु हैं। जब लोग विभिन्न दिशाओं की धार्मिक यात्राएं करते हैं तो इससे देश की सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता को भी बल मिलता है। इस प्रकार की यात्राएं सनातन परम्परा की विराट सोच की परिचायक हैं। यही कारण रहा कि तमाम मत-मतान्तरों, भाषा, रहन-सहन आदि की विविधताओं के बावजूद भारत राजनैतिक दृष्टिकोण से संगठित एवं मजबूत बना रहा।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर श्री कैलाश मानसरोवर एवं सिन्धु दर्शन के श्रद्धालुओं को अनुदान वितरण हेतु आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कतिपय कारणों से बीच में कैलाश मानसरोवर की यात्रा स्थगित हो गई थी, जिसको पुनः केन्द्र सरकार के सहयोग से शुरू कराया जा सका। उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा को कठिन एवं चुनौतीपूर्ण यात्रा बताते हुए कहा कि इसके बावजूद ‘जहां चाह-वहां राह’ को चरितार्थ करते हुए तमाम लोग प्रतिवर्ष कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं।
योगी जी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर से भारत भूमि के भावनात्मक लगाव को स्थापित करने एवं इस यात्रा की कठिनाइयों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अनुदान देने के साथ ही इसे दोगुना करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर के लिए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को और अधिक आसान बनाने के लिए जो काम किया है वह सराहनीय है। इससे श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर की यात्रा में काफी आसानी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धर्म मात्र पूजा पद्धति ही नहीं, बल्कि इससे कहीं विराट है। जो व्यक्ति को सदाचार एवं नैतिक मूल्यों के प्रति आग्रही बनाता है। जब हम धर्म को विशाल दायरे में देखते हैं तो यह लोक कल्याणकारी हो जाता है लेकिन जब इसे संकुचित दायरे में बांधने की कोशिश करते हैं तो यह समाज में कठिनाइयां पैदा करता है। प्रतिवर्ष लद्दाख में आयोजित होने वाले सिन्धु दर्शन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन से वर्तमान पीढ़ी को अपनी वैदिक कालीन प्राचीन संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलता है। उन्होंने इस आयोजन में अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता सुनिश्चित कराने की बात कही।
योगी जी ने ऐसे धार्मिक आयोजनों को समाज एवं जनता का कार्य बताते हुए कहा कि इन आयोजनों के लिए सरकार से सहयोग की अपेक्षा करनेे के बजाए जन सहभागिता एवं सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सभी कार्याें के लिए सरकार से अपेक्षा की जाएगी तो दुव्र्यवस्था फैलने की सम्भावना बनी रहती है। इसलिए कैलाश मानसरोवर, सिन्धु दर्शन आदि धार्मिक आयोजनों के लिए समाज को स्वयं खड़ा होने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने चारधाम यात्राओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी हरिद्वार के बाद श्रद्धालुओं को पैदल ही इन यात्राओं को करना पड़ता था। वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार वहां रेलवे ट्रैक बिछाने का काम कर रही है। जिससे ये यात्राएं और सहज हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री जी ने वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गाजियाबाद में बनाए जा रहे कैलाश मानसरोवर भवन की चर्चा करते हुए कहा कि इस भवन में धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी, जिससे कैलाश मानसरोवर, सिन्धु दर्शन, चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों को परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से रोजगार के संसाधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर जनसुविधाओं का विकास होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट www.updharmarthkarya.in का लोकार्पण किया। इसके माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर वाराणसी में ई-पूजा, आॅनलाइन डोनेशन एवं धर्मार्थ कार्य विभाग की सभी योजनाओं एवं परियोजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। इस वेबसाइट को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा, जिससे कैलाश मानसरोवर यात्रा, वरिष्ठ नागरिक यात्रा, सिन्धु दर्शन यात्रा एवं विभिन्न यात्राओं हेतु आॅनलाइन आवेदन के साथ-साथ अनुदान की भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने वर्ष 2016 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा करके लौटे 94 एवं लेह-लद्दाख के अन्तर्गत सिन्धु दर्शन कर वापस आए 71 तीर्थ यात्रियों में से कुछ को प्रतीक के रूप में क्रमशः 50-50 हजार एवं 10-10 हजार रुपये की अनुदान राशि के चेक वितरित किए।
इससे पूर्व, धर्मार्थ कार्य मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के धार्मिक स्थलों के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। उन्हांेने कहा कि अयोध्या में रामलीला, मथुरा में कृष्णलीला एवं चित्रकूट में भजन-कीर्तन का आयोजन शुरू हो गया है।
प्रमुख सचिव धर्मार्थ कार्य श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि आस्था व्यक्ति की सोच को सकारात्मक बनाती है। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर भवन को जल्द से जल्द बनाने के लिए गम्भीरता से काम किया जाएगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में कैलाश मानसरोवर निष्काम समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री उदय कौशिक तथा प्रभारी सिन्धी एकेडमी श्री अमृत राजपाल भी शामिल थे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।