नई दिल्लीः टाइम्स ऑफ इंडिया (बेंगलुरु संस्करण) में प्रकाशित एक विज्ञापन के माध्यम से केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कर्नाटक राज्य में भारत सरकार के सहयोग से मुख्यमंत्री अनिला भाग्य योजना लागू की जा रही है। कर्नाटक सरकार ने एमएमएबीवाई कार्यक्रम की मंजूरी के लिए मंत्रालय से अनुरोध किया था। मंत्रालय ने राज्य सरकार को सलाह देते हुए कहा था कि वह इसे पीएमयूआई के पूरक कार्यक्रम के रूप में लागू करे और तेल विपणन कंपनियों के सहयोग से प्रक्रिया का पालन करे जैसा कि छत्तीसगढ़, झारखंड, असम, पंजाब और हरियाणा राज्यों में किया जा रहा है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पत्राचार के माध्यम से राज्य सरकार को कई बार सूचना दी कि वह केवल तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से योजना को लागू करे। निर्देशों का पालन करने के स्थान पर कर्नाटक सरकार, एकतरफा निर्णय लेते हुए विपणन केन्दों के माध्यम से योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस प्रक्रिया में तेल विपणन कंपनियों को सहयोगी नहीं बनाया गया है। इस प्रणाली से बड़े पैमाने पर अराजकता फैलने तथा कार्यान्वयन संबंधी समस्याओं के पैदा होने की समस्या है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री तथा कनार्टक सरकार के खाद्य व आपूति मंत्री के बीच हुई बैठक में जो प्रतिबद्धता जाहिर की गई थी, राज्य सरकार उससे भी पीछे हट गई है। अत: यह स्पष्ट किया जाता है कि एमएमएबीवाई का वर्तमान स्वरूप तय मानकों के अनुरूप नहीं है और इसे केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सहमति प्राप्त नहीं है।