नई दिल्ली: सरकारी बंगला छोड़ने के मामले में समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राज्य संपत्ति विभाग को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लखनऊ स्थित 5, विक्रमादित्य मार्ग वाले बंगले में दो साल तक और रहने की अनुमति मांगी है। मुलायम सिंह यादव ने ये कदम विभाग की ओर से भेजे गए उस नोटिस के बाद उठाया जिसमें सरकारी बंगला 15 दिन में छोड़ने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राज्य संपत्ति विभाग ने मुलायम सिंह यादव समेत 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये नोटिस भेजा है और 15 दिन में सरकारी बंगला छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
मुलायम सिंह यादव ने संपत्ति विभाग को लिखा पत्र
मुलायम सिंह यादव ने संपत्ति विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि उनके पास विभाग की ओर से निर्धारित समय सीमा के अंदर शहर में रहने का कोई वैकल्पिक उपयुक्त आवास नहीं है, उन्हें नए आवास में जाने के लिए दो साल की आवश्यकता होगी। उन्होंने सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई है, साथ ही उनके पास मिलने आने वालों की संख्या भी ज्यादा है। ऐसे में उन्हें सरकारी बंगले से शिफ्ट होने के लिए दो साल की मोहलत चाहिए होगी।
अखिलेश की राह पर मुलायम सिंह यादव
इस मामले में संपत्ति विभाग के अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि मुलायम सिंह यादव के पत्र पर लॉ डिपार्टमेंट के पास विचार के लिए भेजा गया है। एक बार लॉ डिपार्टमेंट के विचार मिलने के बाद मुलायम सिंह यादव को राज्य सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया जाएगा।
मामले में संपत्ति विभाग ने क्या कहा…
केवल मुलायम सिंह यादव ही नहीं उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकारी बंगले को लेकर ऐसा ही एक पत्र संपत्ति विभाग को भेजा है। उन्होंने भी बंगला खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है। संपत्ति विभाग के अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि अखिलेश यादव के भी पत्र को संपत्ति विभाग ने लॉ डिपार्टमेंट के पास विचार के लिए भेजा है।
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