भारत में योग को लेकर सभी लोग एकमत नहीं हैं। यहां कई तरह का विरोध होता है। वहीं मुस्लिम देश सऊदी अरब में योग को खेल का दर्जा मिल गया है। सऊदी अरब के व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय ने योग को खेल गतिविधियों के रूप में मान्यता दी है। ऐसे में अब वहां कोई योग सिखाना या इसे बढ़ावा देना चाहे, तो लाइसेंस लेकर अपना काम शुरू कर सकता है। सऊदी अरब में योग को मिले इस दर्जे के पीछे नउफ मरवई को श्रेय दिया जा रहा है। वह सऊदी अरब की पहली महिला योग प्रशिक्षक हैं।
अरबी योगाचार्य के रूप में मशहूर नउफ ने वर्ष 2010 अरब योग फाउंडेशन की स्थापना की थी। उन्होंने जेद्दा में रियाद-चाइनीज मेडिकल सेंटर खोल रखा है, जहां आयुर्वेद और योग जैसे गैर-पारंपरिक तरीकों से मरीजों का उपचार करती हैं। उनका मानना है कि योग का धर्म से कोई लेना देना नहीं। इस्लाम धर्म को लेकर कट्टरपंथी रुख के लिए जाने जाने वाला सऊदी अरब इन दिनों बड़े बदलाव से गुजर रहा है। इससे पहले 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सऊदी अरब के विभिन्न भारतीय स्कूलों में योग सत्र का आयोजन किया गया था।
पिछले दिनों सऊदी के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के बेटे और क्राउंस प्रिंस (वली अहद) मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले दिनों सऊदी अरब को ‘उदारवादी इस्लाम’ की तरफ ले जाने का वादा किया था। इसी सिलसिले में वहां महिलाओं के कार चलाने पर प्रतिबंध भी हटा लिया गया। हालांकि सऊदी अरब में हो रहे इन बदलावों को वहां के कुछ धर्मगुरुओं की तरफ से विरोध भी झेलना पड़ रहा है।