बेंगलूरू: भारत के पूर्ण रुप से स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर ने बुधवार को सफलतापूर्वक उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बुधवार को बताया कि उसके पायलटों ने पहली बार 5.8 टन के हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर ने स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली के साथ सफलतापूर्वक उड़ान भरी। बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। इसके डिज़ाइन और विकसित स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एएफसीएस) को देश में ही तैयार किया गया है। बेंगलूरू में एचएल ने बताया कि, मल्टीरोल चॉपर ने लगभग 20 मिनट की सफल उड़ान भरी। इस दौरान हेलीकॉप्टर ने बिना किसी गड़बड़ी के अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की।
हेलीकॉप्टर ऑटो-पायलट मोड के लिए सक्षम
एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी सुवर्णा राजू ने कहा, ‘स्वदेशी एएफसी का विकास एचएएल की परियोजना है और यह उच्च मूल्य आयातित प्रणाली को बदल देगा। एएफसीएस एक डिजिटल चार-अक्ष फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है जो नियंत्रण और हेलीकॉप्टर के ऑटो-पायलट मोड के लिए सक्षम है। एचएएल के प्रमुख टेस्ट पायलट विंग कमांडर उन्नी के पिल्लई (सेवानिवृत्त) और टेस्ट पायलट समूह के कप्तान राजेश वर्मा (निवृत्त) ने शहर के पूर्वी उपनगरीय इलाके के रक्षा हवाई अड्डे से उड़ान भरी। इस अवसर पर प्रमाणन एजेंसियों और कंपनी के अधिकारियों उपस्थित थे।
हेलिकॉप्टर दो शक्ति इंजनों द्वारा संचालित है
एचएएल ने आगे कहा कि उसने पहले से ही भारतीय निजी उद्योगों की भागीदारी के साथ एलसीएच पर कॉकपीट डिस्प्ले सिस्टम को एकीकृत किया है। इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस) और विकास उड़ान परीक्षण चल रहा है। कंपनी को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय सेना से 15 एलसीएच की आपूर्ति के लिए 22 दिसंबर को प्रस्ताव मिले हैं। 2016 में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आईएएफ के लिए 10 और सेना के लिए पांच एलसीएच की मंजूरी दी थी। हेलिकॉप्टर दो शक्ति इंजनों द्वारा संचालित है और इसमें स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव की कई विशेषताएं हैं।
पढ़ें खासियतें
इस चॉपर को हिमालय के कराकोरम रेंज की समुद्र तल से 5400 मीटर उपर बनी सियाचिन की अग्रिम पोस्टों पर आसानी से उतारा जा सकता है। एससीएल ने बयान में कहा, चॉपर मार्च 2016 में आईएएफ के आयरन फिस्ट एक्सरसाइज शामिल हुआ था और वहां पर अपनी रॉकेट फायरिंग क्षमता प्रदर्शित किया था। तत्कालीन रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने 26 अगस्त 2017 को एलसीएच को प्रारंभिक परिचालन की मंजूरी मिली थी।
खासियतें:
- हेलीकॉप्टर ऑटो-पायलट मोड में सक्षम
- हेलीकॉप्टर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है।
- हेलीकॉप्टर 19,700 से 21,300 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
- अधिक ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र के लिए सबसे बेस्ट लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है।
- रात में कम रोशनी में कुशल कार्य क्षमता वाला हेलीकॉप्टर
- रडार व लेजर मिसाइल वार्निंग जैसे सिस्टम की नई तकनीकों का इस्तेमाल
oneindia