23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मेगा काॅन्क्लेव ‘मेरा घर’ को सम्बोधित करते हुए: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए ‘रेरा‘ की तर्ज पर ही प्रदेश में भी ‘रेरा‘ कानून लागू किया है। राज्य सरकार होम बायर्स, निर्बल और अन्य आय वर्गाें के हितों के संरक्षण के लिए रियल स्टेट सेक्टर में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए प्रयत्नशील है। राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी तथा इन्टरनेट सुविधा का आधिकाधिक प्रयोग करते हुए अधिकांश सूचनाएं तथा सुविधाएं, बायर्स को आॅनलाइन उपलब्ध करा रही है। राज्य की रेरा वेबसाइट को बड़ी संख्या में लोगों ने विज़िट किया है।

मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां न्यूज़ नेशन टी0वी0 चैनल द्वारा आयोजित मेगा काॅन्क्लेव ‘मेरा घर’ को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि लगभग 22 करोड़ आबादी वाले इस प्रदेश की 23 फीसदी से अधिक जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों मे निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को मकान सहित अन्य मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराना एक चुनौती है। लेकिन राज्य सरकार प्रदेश के सभी परिवारों को मकान, शौचालय, पीने का पानी, बिजली का कनेक्शन आदि की सुविधा प्रदान करने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा कराए गये सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 24 लाख तथा नगरीय क्षेत्रों में लगभग 15 लाख आवास की आवश्यकता होगी।

योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2022 तक देश के सभी परिवारों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई है। वर्तमान प्रदेश सरकार वर्ष 2022 तक प्रत्येक परिवार को आवास उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 09 लाख तथा नगरीय क्षेत्रों में 05 लाख आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले आवासों का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। अधिकांश लाभार्थियों को दूसरी एवं तीसरी किश्त सीधे उनके बैंक खाते में प्रेषित करते हुए आवासों की अद्यतन प्रगति को आॅनलाइन दर्शाया जा रहा है। इसके साथ ही, प्रत्येक लाभार्थी को व्यक्तिगत शौचालय एवं यदि लाभार्थी मनरेगा के तहत अपने मकान के निर्माण के लिए स्वयं काम करना चाहता है तो इसकी सुविधा भी दी जा रही है। इस योजना के तहत इससे पहले कभी भी 50 हजार से अधिक आवास नहीं बने। जबकि अपने पहले वित्तीय वर्ष में ही यह सरकार करीब 09 लाख आवास ग्रामीण क्षेत्रों में बनवा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में आवासों का निर्माण तेजी से कराने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में विभिन्न विकास प्राधिकरणों को 01 लाख आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया है, जिनमें लगभग 19 हजार आवासीय इकाइयों की स्वीकृति का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है।

योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में आवास आवंटन हेतु निजी क्षेत्र की मदद लेने के लिए एक अभिनव योजना शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत 18 दिसम्बर, 2017 तक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप निर्बल वर्ग के लोगों को मात्र 02 लाख रुपए में आवास प्राप्त हो सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से रियल एस्टेट सेक्टर के उपभोक्ताओं/क्रेताओं के हितों के संरक्षण की विशेष आवश्यकता महसूस की जा रही थी। कई नगरों में विशेष रूप से निजी क्षेत्र की रियल एस्टेट कम्पनियों द्वारा होम बायर्स को परेशान करने की खबरें प्राप्त हो रही थीं। इनमें घर खरीददारों से पूरी धनराशि प्राप्त कर लेने के बावजूद उन्हें निर्धारित समय में मकान उपलब्ध न कराने के साथ-साथ ऐसी भी स्थितियां देखने को मिलीं, जहां ग्राहकों से पूरे मकान की धनराशि प्राप्त कर ली गई। लेकिन काफी वर्ष बीत जाने के बावजूद प्रोजेक्ट पर कार्य नहीं शुरू हो सका। इससे मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के साथ-साथ उन गरीब मकान खरीददारों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके लिए बिल्डर्स से कमिटमेन्ट के बावजूद दूर-दूर तक मकान या फ्लैट मिलने की सम्भावना ना के बराबर है।
योगी जी ने कहा कि इन स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने तय किया है कि बायर्स के साथ अन्याय कतई नहीं होने दिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। रियल एस्टेट क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए ही वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा ‘रेरा’ जैसा कानून लागू करने का काम किया गया। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में ‘रेरा’ कानून को प्रख्यापित करते हुए, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को प्रदेश में ‘रेरा’ लागू करने के लिए नामित किया है। इसके साथ ही, बिल्डर्स, एजेन्ट एवं उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत ‘रेरा’ का वेबसाइट भी लाॅन्च किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इतने कम समय में ही अब तक ‘रेरा’ की साइट पर 1200 से अधिक प्रोमोटर्स एवं साढ़े बाइस सौ से अधिक परियोजनाओं का पंजीकरण हो चुका है। जिनमें पहले से संचालित परियोजनाओं की संख्या ही 02 हजार से अधिक है। पंजीकरण की समस्त कार्रवाई पेपर लेस कराने के साथ-साथ यह भी प्रयास किया जा रहा है कि ‘रेरा’ के तहत पंजीकरण कराने वाली संस्थाओं एवं आमजन को कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े।

योगी जी ने कहा कि पीड़ित उपभोक्ताओं को ‘रेरा’ में शिकायत दर्ज कराने के लिए आॅनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। शिकायत दर्ज होने की सूचना तत्काल शिकायतकर्ता को उसके मोबाइल नम्बर तथा ई-मेल आईडी पर दी जाती है। शिकायतों के निस्तारण के लिए अधिकतम 60 दिन का समय निर्धारित किया गया है। जिसमें तीन से चार तिथियों में शिकायत निस्तारित करने की व्यवस्था तय की गई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब तक 1287 शिकायतें पंजीकृत हुई हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। लगभग 60 शिकायतों का निस्तारण भी हो चुका है। वर्तमान सरकार ने मनमानी करने वाले बिल्डरों को आगाह किया है कि राज्य सरकार क्रेताओं के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ी है। यदि बिल्डर्स द्वारा क्रेताओं को आवास उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो प्रदेश सरकार कानून की मंशा के अनुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी सख्ती के साथ करेगी। इसी उद्देश्य से एन0सी0आर0 क्षेत्र में होम बायर्स को उनके द्वारा बुक किए गए आवासों का निर्माण तथा कब्जा सुनिश्चित कराने के लिए विकासकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया।

योगी जी ने कहा कि विकासकर्ताओं को सरकार की नीति एवं नीयत से अवगत कराते हुए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जिसमें औद्योगिक विकास मंत्री, नगर विकास मंत्री व गन्ना विकास मंत्री शामिल हैं। मंत्री समूह द्वारा इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है और समूह द्वारा जो सुझाव दिये जाएंगे, प्रदेश सरकार उन पर अमल करेगी। राज्य सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र में कानून का राज स्थापित करने के लिए हर सम्भव कदम उठाएगी। ‘रेरा’ में परियोजनाओं का पंजीकरण न कराने वाले बिल्डरों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे, साथ ही, तथ्यात्मक जानकारी न देने वालों के विरुद्ध भारी अर्थदण्ड के साथ-साथ उन्हें ब्लैक लिस्ट करना एवं परियोजनाओं का पंजीकरण निरस्त करने जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एन0सी0आर0 के फ्लैट खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित मंत्री समूह द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के फ्लैट खरीद्दारों को इस माह के अंत तक लगभग 32 हजार फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा। शेष 18 हजार फ्लैट का कब्जा दिलाने के लिए बिल्डरों की परियोजनाओं की सघन समीक्षा करते हुए शीघ्र कम्प्लीशन सर्टिफिकेट निर्गत करने की कार्रवाई की जाएगी।

योगी जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जहां ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए पूरी तन्मयता से प्रयास कर रही है, वहीं सीधे बिल्डर्स से मकान या फ्लैट खरीदने वाले उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के प्रति भी कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी फ्लैट एवं होम बायर्स के साथ-साथ बिल्डर्स की समस्याओं का भी समाधान करेगी, परन्तु होम बायर्स के हित सर्वाेपरि होंगे।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित राज्य सरकार के कई मंत्री तथा बड़ी संख्या में होम बायर्स और बिल्डर्स मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान आयोजकों की ओर से मुख्यमंत्री जी को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More