हार्दिक पांड्या के रूप में भारत को वो हरफनमौला खिलाड़ी मिल चुका है जिसकीदरकार टीम को काफी लंबे समय से थी। बल्लेबाज़ी में यह खिलाड़ी अब टीम इंडिया का नया फिनिशर बनता जा रहा है। फिनिशर की भूमिका को वो अनुभव करके तेज़ी से सीख रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथे वनडे मुकाबले में भले ही हार्दिक टीम इंडिया को जीत न दिला सके लेकिन उनके मुताबिक़ वो अब यह बात जान चुके हैं कि मैच को फिनिश कैसे किया जाता है। इस बारे में उन्होंने कहा “मैं अपने छक्कों के लिए जाना जाता हूं लेकिन मैं हालात के मुताबिक़ भी बल्लेबाजी कर सकता हूं।”
चौथे एकदिवसीय मुकाबले में हार्दिक पांड्या जब मैदान पर बल्लेबाज़ी करने उतरे तो उस समय धोनी क्रीज़ पर मौजूद थे और उन हालात में 190 रनों का लक्ष्य मुश्किल नहीं लग रहा था। लेकिन इसके बावजूद भारत मैच हार गया। पांड्या ने बताया “हम दोनों ही बड़े शॉट आसानी से खेल लेते हैं, हम जानते थे कि हम किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं। हम सोच रहे थे कि हम विकेट पर टिकें और लक्ष्य के जितना करीब हो सके जाएं। हम वही कर रहे थे। ये दुर्भाग्यपूर्ण था कि मैं हटकर शॉट खेलना चाहता था और जिसके कारण मैं आउट हो गया। मैं ठीक इसी तरह के हालातों का सामना न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने करियर के शुरुआती दौर में भी कर चुका था जहां मैं मैच फिनिश नहीं कर पाया था लेकिन अब मैं समझ गया हूं कि मैच कैसे फिनिश करते हैं।”