नई दिल्ली: स्पेन में हमारे गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं प्रेसिडेंट राहोय को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं जानता हूं कि आज उनका काफी व्यस्त दिन है, और फ़िर भी उन्होंने हमारे लिए समय निकाला है, यह भारत के प्रति उनके मजबूत commitment का प्रतीक है।
भारत और स्पेन के diplomatic संबंधों के 60 वर्ष पिछले साल पूरे हुए। और 6 दशकों के घनिष्ठ संबंधों के बावजूद आज 1988 के बाद पहली बार भारत के प्रधानमंत्री की स्पेन यात्रा हो रही है। मैं समझता हूं कि भविष्य में इतना बड़ा gap दोबारा नहीं आएगा।
आज हम दोनों मिल कर अपने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
आज के बदलते वैश्विक परिपेक्ष में मित्र देशों के बीच regional और global developments पर close consultations बहुत आवश्यक हैं। प्रेसिडेंट राहोय Europe के senior statesman हैं, और मैं Europe के समक्ष opportunities तथा चुनौतियों के बारे में उनके विचार जानने को उत्सुक हूं।
भारत और स्पेन, दोनों ने आतंकवाद का सामना किया है। और आज भी इसका तथा अतिवाद का खतरा पूरे विश्व के सामने सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है। इस विषय पर अपने सहयोग को मजबूत करना हमारे bilateral agenda का अहम् हिस्सा है।
स्पेन ने प्रेसिडेंट राहोय के नेतृत्व में बहुत आर्थिक सुधार किये हैं। भारत में मेरी सरकार के agenda पर economic growth और development सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें स्पेन को काफी कौशल और महारत है, जैसे कि Railways, Smart Cities, Infrastructure, आदि। आज हम इन विषयों पर भी चर्चा करेंगे।
मुझे विश्वास है कि आज की मेरी स्पेन यात्रा हमारे संबंधों को एक नया momentum देने में सफल होगी।